162 किसानों की उपज से इंकार, सडक़ पर बैठकर अन्नदाताओं ने उतारा गुस्सा

कटनी 162 किसानों की उपज से इंकार, सडक़ पर बैठकर अन्नदाताओं ने उतारा गुस्सा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-17 09:21 GMT
162 किसानों की उपज से इंकार, सडक़ पर बैठकर अन्नदाताओं ने उतारा गुस्सा

 डिजिटल डेस्क कटनी . प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा अंतत: 162 किसानों को भुगतना पड़ गया। बरही तहसील के उबरा खरीदी केन्द्र में एक माह से डेरा डाले किसानों के उपज को खरीदने से जिम्मेदारों ने इंकार कर दिया तो गुस्साए किसान सडक़ पर बैठकर अपना गुस्सा उतारे। क्षेत्र के किसान शिवकुमार ,पुष्पराज ,रावेन्द्र सेन,रमेश प्रसाद रिझारिया के साथ अन्य किसानों ने कहा कि मैसेज मिलने के बाद जब वे केन्द्र में अपनी उपज लेकर पहुंचे हुए थे, तो केन्द्र में बारदाने नहीं रहे। जिसके चलते उपज की तौलाई नहीं हो सकी। दोबारा मैसेज भेजने का आश्वासन दिए। आज शनिवार को आखिरी दिन है। इसके बावजूद हम किसानों को खरीदी का मैसेज नहीं मिला है। किसानों के आक्रोश की जानकारी लगने पर एसडीएम महेश मंडलोई, तहसीलदार एसएन त्रिपाठी और फूड विभाग के अफसर पहुंचे। सभी किसानों को खरीदी केन्द्र लाया गया। यहां से मैसेज की जानकारी जिले के माध्यम से भोपाल भेजने की बात अधिकारियों ने बताई। जिसके बाद मामला शांत हुआ।
उपार्जन की यह रही स्थिति
द्द  जिले में 325706 मी.टन की खरीदी
द्द  75 प्रतिशत उपज का हुआ परिवहन
द्द  314 करोड़ रुपए का भुगतान
द्द  पंजीकृत में 12 हजार किसान नहीं पहुंचे
द्द  1233 किसान अभी भी लाइन में
शर्तों के तहत होगी खरीदी
राहत की बात यह है कि जिले के 28 केन्द्रों में 1233 किसान ऐसे हैं। जिन्हें दोबारा मैसेज नहीं मिला है। राहत की बात यह है कि शाम को शर्तों के तहत खरीदी के निर्देश भी अधिकारियों को मिल चुका है। जिसमें पांच शर्तों का उल्लेख किया गया है। जिसमें पहली शर्त यह है कि यह खरीदी उन्हीं किसानों से होगी। जिनकी उपज केन्द्रों में पहुंच चुकी है। साथ में न्य चार सामान्य शर्तें भी हैं।
मैसेज और बारदाने में अंसतुलन
इस केन्द्र में मैसेज और वारदाने में संतुलन नहीं बैठा। पहली बार मैसेज मिलने के बाद जब उबरा खरीदी केन्द्र में सभी किसान उपज लेकर पहुंचे तो यहां पर वारदाना नहीं रहा। जिसके चलते करीब 7 दिनों तक खरीदी का काम अघोषित रुप से बंद रहा। इस दौरान किसानों की संख्या बढ़ती गई। पहले मैसेज में सात दिन का समय रहा। समय-सीमा बीतने के बाद किसानों को दोबारा सेमैसेज भेजा गया, लेकिन एक दिन में अधिकतम 5 किसानों की लिमिट से इस आंकड़े में और अधिक अंतर हो गया।
लक्ष्य के पार खरीदी का आंकड़ा
धान खरीदी का अंतिम समय शासन ने 15 जनवरी तय किया था। इस दिन लक्ष्य के आंकड़े को खरीदी पार कर गया, जबकि पंजीकृत किसानों में से 12 हजार किसान न्द्रों तक नहीं पहुंचे। वहीं 1233 किसान ऐसे हैं, जिन्हें दोबारा से सेज भेजा जाना है। चालू खरीफ सीजन में विभाग ने 32 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा था। कम बारिश के बावजूद 32 लाख 5 हजार 706 क्विंटल धान की खरीदी हुई।

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