राऊत का हलफनामा दायर - निजी नहीं आधिकारिक कार्य के लिए चार्टर्ड विमान से यात्रा की

हाईकोर्ट राऊत का हलफनामा दायर - निजी नहीं आधिकारिक कार्य के लिए चार्टर्ड विमान से यात्रा की

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-20 16:48 GMT
राऊत का हलफनामा दायर - निजी नहीं आधिकारिक कार्य के लिए चार्टर्ड विमान से यात्रा की

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस नेता व राज्य के पूर्व ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया  है कि कोरोना काल में उन्होंने निजी नहीं बल्कि आधिकारिक कार्य के लिए चार्टर्ड विमान का इस्तेमाल यात्रा के लिए किया था। कांग्रेस नेता राऊत ने हलफनामे के जरिए हाईकोर्ट को यह जानकारी दी हैं। हलफनामे में राऊत ने कहा कि है कि राज्य के बिजली उपक्रम को चार्टर्ड विमान की यात्रा का बिल देने को लेकर लगाया गया आरोप आधारहीन है और यह आरोप राजनीति से प्रेरित है। हलफनामे में श्री राऊत ने महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रीसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के चेयरमेन रहते पद के दुरुपयोग के आरोप को भी आधारहीन बताया हैं। 

राऊत ने सामाजिक कार्यकर्ता व पेशे से वकील विश्वास पाठक की ओर से दायर जनहित याचिका पर कोर्ट  के निर्देश के तहत यह हलफनामा दायर किया है। पाठक भारतीय जनटा पार्टी से जुड़े हैं।  याचिका में कोर्ट से चार्टर्ड विमान यात्रा में खर्च किए गए  42 लाख रुपए का भुगतान श्री राऊत को करने  का निर्देश देने का निवेदन किया  गया है। याचिका में सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया गया है कि श्री राऊत ने निजी उद्देश्य से चार्टर्ड विमान से जून से सितंबर 2020 के बीच यात्राएं की थी। किंतु श्री राऊत ने अपने हलफनामें में कहा है कि मैंने मंत्री से जुड़े कर्तव्यों के निवर्हन के लिए नागपुर व रत्नागिरी में यात्रा की थी। ताकि कोरोना काल में बिजली आपूर्ति बाधित न हो और निसर्ग तुफान के चलते प्रभावित हुई बिजली की  लाइन को तुरंत सामान्य किया जा सके।

हलफनामे में राऊत ने कहा है कि उनकी एंजोप्लासिटी हुई  है और डाक्टर ने उन्हें सड़क के रास्ते लंबी दूरी की यात्रा न करने  की सलाह दी है। याचिका में मेरी दिल्ली व हैदराबाद की यात्रा को लेकर किया गया दावा गलत है। बिजली उपक्रम ने किसी दबाव में बिल का भुगतान नहीं किया है। इस बात का बिजली उपक्रम से सत्यापन किया  जा सकता है। श्री राऊत ने दावा किया  है कि  मौजूदा याचिका से कोई जनहित नहीं जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने राजनीति से प्रेरित होकर यह याचिका दायर  की है। हाईकोर्ट ने अब 10 अक्टूबर 2022 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 

 

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