जनसेवा अभियान: 21 हजार आवेदनों में मात्र 2604 की स्वीकृति

कटनी जनसेवा अभियान: 21 हजार आवेदनों में मात्र 2604 की स्वीकृति

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-03 08:27 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,कटनी। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत शहर से लेकर गांवों तक विशेष शिविर
आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में हितग्राही बड़ी संख्या में योजनाओं का लाभ पाने जिस उम्मीद से आवेदन दे रहे हैं पर उनकी आशाओं पर शासकीय अमला पानी फेर रहा है। अधिकारियों की दौड़ के बाद भी महज अब तक 10 फीसदी आवेदकों को ही योजनाओं का लाभ मिल पाया है। 30 सितम्बर की स्थिति में जिले में 38 योजनाओं में 21085 हितग्राहियों ने आवेदन किया है। इनमें से केवल 2604 के आवेदन स्वीकृत हुए हैं। जबकि 556 रिजेक्ट कर दिए गए। 114 आवेदन लक्ष्य के कारण लंबित हैं और 17809 आवेदनों पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। इस अभियान में पीएम आवास, पेंशन, शौचालय एवं बीपीएल कार्ड के आवेदन सबसे अधिक है।  अब पात्रता का परीक्षण होगा। दूसरे शिविरे में हितग्राहियों को बताया स्वीकृति की जानकारी दी जाएगी

17 से 30 सितम्बर तक प्राप्त आवेदनों की स्थिति

योजना            प्राप्त        आवेदन-स्वीकृत   निरस्त    -लंबित
पीडीएस          3108         434            139     2530
उज्वला          1709         119              32       1589
पथ विक्रेता             1085          07               2       1076
शौचालय                   6546        533             184     5829
लाडली लक्ष्मी    22           04                1          15
सीएम पथ विक्रेता        297          30                  267
मातृ वंदना              631         149                  13     469
पीएम किसान     
सम्मान निधि      117         12                  105
सीएम किसान
कल्याण निधि             43            8                   35
आयुष्मान                1066         652                386
भवन संनिर्माण   2202         61                  2122

शासन-प्रशासन के लिए चुनौती

शासन-प्रशासन के सामने योजनाओं का लाभ दिलाना बड़ी चुनौती है। क्योंकि इनमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पात्रता पर्ची, बीपीएल कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन, किसान सम्मान निधि, शौचालय आदि ऐसी योजनाएं हैं जिनके लिए शासन ने गाइड लाइन तय की है। बिना बीपीएल कार्ड के पीडीएस का अनाज, शौचालय, पेंशन मिलना मुश्किल है और बीपीएल सूची में नाम जोडऩा ही टेढ़ीखीर है। कुल मिलाकर यह अभियान एक अनार-सौ बीमार साबित हो सकता है। जबकि नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, नक्शा शुद्धिकरण के आवेदनों पर राजस्व अमला ही पेंच फंसा देगा। शिविरों में नामांतरण के 42, बंटवारा के 15, सीमांकन के 13 एवं नक्शा शुद्धिकरण के 11 आवेदन आए हैं।

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