संस्थान के कर्मचारियों सहित दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को हो रही परेशानी।

पांच वर्ष बाद फिर से रीवा विश्वविद्यालय में कैंटीन खोलने की तैयारी संस्थान के कर्मचारियों सहित दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को हो रही परेशानी।

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-16 08:43 GMT
संस्थान के कर्मचारियों सहित दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को हो रही परेशानी।

डिजिटल डेस्क, रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की कैंटीन एक बार फिर खोले जाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए कैंटीन के पुराने भवन की जगह नवीन भवन बनकर तैयार हो चुका है। उल्लेखनीय है कि कैंटीन खोलने को लेकर विश्वविद्यालय में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों सहित छात्रों और उनके संगठनों की ओर से लगातार मांग की जा रही थी। वहीं पुराने भवन में वर्षों तक संचालित होने के बाद वर्ष 2017 में कैंटीन का संचालन बंद हो गया था। तब से यह लगातार बंद चल रही है। बताया गया है, कि पुरानी कैंटीन संचालन को लेकर इसके संचालक किराया दर अधिक होने की बातें करते आ रहे हैं। उनका कहना है, कि जिस दर से किराया वसूल किया जा रहा है, उस दर पर कैंटीन का संचालन संभव नहीं है। उनकी ओर से संस्थान के जिम्मेदारों से किराया दर संशोधित करने की मांग उठाई जाती रही है।

बैठक में किराया कम करने पर बनी सहमति-

कैंटीन संचालन के इच्छुक संचालकों की मांग पर विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति की बैठक में विचार किया गया। जिसके बाद संचालकों की मांग पर सहमति बनी और कैंटीन का किराया कम करने का निर्णय लिया गया है।

एक तिहाई किराए पर मुहर-

वर्ष 2017 तक कैंटीन का संचालन लगभग 18 हजार रुपए प्रतिमाह पर होता रहा है। जिससे संचालक पर काफी बकाया राशि हो गयी थी। अंतत: पुराने दर पर संचालक ने कैंटीन संचालन से हाथ खींच लिया। बाद में यह विगत पांच वर्षों से बंद रही। अब किराए दर में संशोधन करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने लगभग 6 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया है। साथ ही कैंटीन संचालक को रियायती दर पर सामग्री उपलब्ध कराने की शर्त भी रखी है। जिससे विद्यार्थियों और स्टाफ के कर्मचारियों पर अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं पड़े।

दूरदराज के विद्यार्थियों को राहत-

विश्वविद्यालय का क्षेत्र स्थानीय जिले के साथ ही साथ सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जैसे दूरदराज तक फैला हुआ है। जहां से विद्यार्थी अपने कार्य को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय प्रतिदिन आते हैं। जिन्हे कैंटीन सुविधा बंद होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब कैंटीन संचालन का रास्ता साफ होने की वजह से उन्हे काफी राहत मिलने जा रही है।
 

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