3 करोड़ की सडक़ में रोलर चलाने पर पाउडर हो रही गिट्टी

कटनी 3 करोड़ की सडक़ में रोलर चलाने पर पाउडर हो रही गिट्टी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-28 09:27 GMT
3 करोड़ की सडक़ में रोलर चलाने पर पाउडर हो रही गिट्टी

 डिजिटल डेस्क, कटनी जनपद कटनी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कौडिय़ा से छहरी के बीच लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाई जा रही है सडक़ में गुणवत्ता ताक पर है। जिसमें हार्ड गिट्टी की जगह पर कमजोर गिट्टी का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। तीन करोड़ की निर्माणाधीन सडक़ में  रोलर चलाने पर गिट्टी पिसकर पाउडर हो रही है।  पांच किलोमीटर लंबाई की सडक़ का निर्माण 3 करोड़ 10 लाख की लागत से किया जा रहा है। शुरुआती दौर में अर्थवर्क से लेकर गिट्टी बिछाने तक मनमाने ढंग से आसपास अवैध खनन किए जाने और फिर सामग्री गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों के द्वारा अनेकों शिकायतें की गईं, लेकिन लोक निर्माण विभाग ने इन्हें दरकिनार कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 3 वर्ष पहले कौडिय़ा से छहरी के बीच सडक़ के निर्माण का कार्य शुरु किया गया था, जो कि मंथर गति से अभी तक जारी है। अर्थवर्क में आसपास की गुणवत्ताहीन मिट्टी का उपयोग करने के बाद मानकों से खिलवाड़ का दौर लगातार जारी है। वर्तमान में करीब ढाई किलोमीटर लंबाई की सडक़ में लाइम स्टोन गिट्टी बिछाई गई है। मानकों के विपरीत गिट्टी में सिलिका की मात्रा बहुत और पानी सोखने की क्षमता मानक से अधिक होने के कारण बनते ही सडक़ के टूटने की आशंका बढ़ रही है।
तीन किमी में हुआ डामरीकरण
साढ़े पांच किलोमीटर की सडक़ में से तीन किलोमीटर में डामरीकरण किया गया है, जो अभी से उधडऩे लगा है। यहां पर भी लाइम स्टोन के उपयोग के कारण यह स्थिति बनी है। तीन करोड़ दस लाख में से अब तक एक करोड़ 86 लाख खर्च किएजा चुके हैं। 31 मार्च तक सडक़ का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य है। लिहाजा ठेकेदार जल्दबाजी और मनमानी पर आमादा है।
तालाबों से निकाली मुरुम
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत से छहरी और कौडिय़ा गांव के तालाबों से अवैध रुप से मुरुम का खनन कर सडक़ में इसका उपयोग किया गया है। जिससे तालाबों में खाई नुमा गड्ढे हो गए हैं। बरसात के समय ये गड्ढे हादसे का कारण बनेंगे। मुरुम के परिवहन में जिस मार्ग का उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र का वह मार्ग भी खराब हो गया है।
आगामी समय में ग्रामीणों को नुकसान
इस सडक़ को चकाचक बनाने की मांग अरसे से ग्रामीण कर रहे थे। शासन और प्रशासन की मेहरबानी हुई तो स्थानीय स्तर पर ही लापरवाही बरती जा रही है। मार्ग से निकलने वाले ग्रामीण मनोहर, श्यामलाल एवं अन्य लोगों का कहना है कि विभाग और ठेकेदार तो एक बार मार्ग बनाकर चले जाएंगे, लेकिन आगामी समय में उन्हें गुणवत्ताहीन कार्य का सजा भुगतना पड़ेगा। यदि अभी भी अधिकारी ध्यान देते हैं तो निश्चित ही
इनका कहना है
इंपेक्ट वैल्यू के आधार पर सडक़ में गिट्टी का उपयोग किया जाता है। इस संबंध में एसडीओ से जानकारी ली जाएगी। जिसके बाद ही और अधिक बताया जा सकता है।
 

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