छेड़छाड़ के आरोपी की रक्षक बनी पुलिस, पीडि़ता के भाई को ही झूठे मामले में बना दिया आरोपी

छेड़छाड़ के आरोपी की रक्षक बनी पुलिस, पीडि़ता के भाई को ही झूठे मामले में बना दिया आरोपी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-02 17:21 GMT
छेड़छाड़ के आरोपी की रक्षक बनी पुलिस, पीडि़ता के भाई को ही झूठे मामले में बना दिया आरोपी



डिजिटल डेस्क शहडोल। कोरोना काल में एक तरफ पुलिसकर्मी अपने काम के साथ-साथ समाजसेवा और लोगों की मदद कर पब्लिक फ्रेंडली पुलिसिंग का संदेश दे रहे हैं, वहीं कुछ कर्मचारी पुलिस की छवि को बट्टा लगा रहे हैं। जिले में ऐसा ही एक मामला देवलोंद थाने में सामने आया है। नाबालिग के तीन बार छेड़छाड़ व मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराने पर भी पुलिस ने आरोपी पर कार्रवाई नहीं की, बल्कि राजीनामे का दबाव बनाने के लिए आरोपी की तरफ से लड़की के परिजनों के खिलाफ ही मारपीट का प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया। मामला संज्ञान में आने पर नवागत पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी ने थाना प्रभारी निरीक्षक जालम सिंह और प्रधान आरक्षक कमलेश त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
आरोपी का बचाव करती रही पुलिस-
जानकारी के अनुसार मामला फरवरी से चल रहा है। सबसे पहले इस साल फरवरी में नाबालिग लड़की ने आरोपी प्रदीप ङ्क्षसह के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके कुछ दिन लड़की ने फिर थाने में शिकायत दर्ज कराई की आरोपी प्रदीप सिंह उसे बंदूक के बल पर डरा के उठा लेे गया और जंगल में बंधक बनाकर रखा। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तीसरी बार फिर लड़की के साथ आरोपी प्रदीप सिंह ने ही छेड़छाड़ की। पुलिस फिर भी शांत रही। इसके बाद लड़की ने भाई के साथ प्रदीप सिंह द्वारा मारपीट किए जाने की शिकायत दर्ज कराई। फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सिर्फ आरोपी को बचाती रही।
परिवार पर राजीनामे का बनाया दबाव -
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, वहीं २३ अक्टूबर को लड़की के भाई और पिता के खिलाफ आरोपी की ओर से धारा ९४, ५०४बी के तहत मारपीट का प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया। जबकि आरोपी के कोई चोट का निशान नहीं है। लड़की का भाई सिविल सर्विसेस की तैयारी करता है, उस पर दबाव बनाया गया कि अगर पुराने मामलों में समझौता नहीं किया तो क्रिमनल रिकॉर्ड बना देंगे। २८ अक्टूबर को नवागत एसपी अवधेश कुमार गोस्वामी के पास पिता और भाई फरियाद लेकर पहुंचे। पूरे मामले को सुनकर एसपी हतप्रभ रह गए। उन्होंने अपने स्तर पर पड़ताड़ की तो मामला सही पाया गया। संदिग्ध कार्रवाई करने एवं सही कार्रवाई नहीं करने के आरोप में निरीक्षक जालम सिंह तथा प्रधान आरक्षक कमलेश त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रक्षित केंद्र शहडोल संबद्ध किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार गुजारा भत्ता देय होगा।

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