नौकरी ज्वाइन करने गए कोर्ट, पहुंचा दिये गए जेल

नौकरी ज्वाइन करने गए कोर्ट, पहुंचा दिये गए जेल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-12 08:08 GMT
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डिजिटल डेस्क, कटनी। न्यायालय में नौकरी के लिए फर्जी ज्वानिंग लेटर लेकर पहुंचे दो युवकों को माधवनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं इस फर्जीवाड़े से जुड़े दो अन्य लोगों को भी पुलिस दमोह से पकड़कर लाई है जिनसे पूछताछ कर मास्टरमाइंड तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपियों को  न्यायालय में पेश किया गया जहां से पुलिस ने उन्हें 2 दिन की रिमांड में लिया है। 

यू ट्यूब पर विज्ञापन देखते ही शुरू हुआ गेम 

पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ में दमोह के मारूताल निवासी गप्फार पिता मो. ईशाक व दमोह जिले के ही पटेहरा जनपद अंतर्गत मझगवां स्कूल में पदस्थ शिक्षिका सरिता पति राघवेंद्र ठाकुर का नाम बताया गया था जिन्हें पकड़ने के लिए उपनिरीक्षक बीडी द्विवेदी, झिंझरी चौकी प्रभारी प्रीती पांडेय, प्रधान आरक्षक विजेंद्र तिवारी, आरक्षक वीरेंद्र सिंह आदि की टीम रात में ही रवाना हुई और कटनी लाकर पूछताछ प्रारंभ की गई। आरोपियों ने भर्ती प्रक्रिया की जो कहानी पुलिस के समक्ष जाहिर किया उसके अनुसार यू ट्यूब पर न्यायालय में आदेश लेखिका, भृत्य सहित अन्य पदों पर भर्ती का विज्ञापन देखा गया था। जिसके बाद वे फर्जीवाड़े के लपेटे में आ गए।
 

नियुक्ति आदेश ने खोली फर्जीवाड़े की पोल

गौरतलब है कि दमोह जिले के नोहटा निवासी अनिल पिता मनोहर दुबे व सागर जिले के गढ़ाकोटा निवासी आनंद पिता गोविंद प्रसाद दुबे नामक युवक ज्वाइनिंग लेटर लेकर कटनी न्यायालय पहुंचे थे। युवकों ने लेखापाल पद पर नियुक्ति देने की बात कहते हुए ज्वाईनिंग लेटर वहां के लेखापा को दिया। न्यायालय में किसी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया न होने से लेखापाल को संदेह हुआ तो मामले से जिला एवं सत्र न्यायाधीश को अवगत कराया गया। इसके बाद मामले की जानकारी हाईकोर्ट जबलपुर से ली गई। जहां महालेखापाल कार्यालय से यह ज्ञात हुआ कि किसी प्रकार के नियुक्ति संबंधी आदेश जारी नहीं किए गए। मामला संदिग्ध होने पर माधवनगर पुलिस को न्यायालय बुलाया गया और युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया गया था।
 

बिना परीक्षा दिए ही मिल गया ज्वाईनिंग लेटर

पुलिस को बताया गया कि गप्फार के एक परिचित ने भर्ती प्रक्रिया की जानकारी दी और बेरोजगार युवकों को फांसने के लिए कहा। इसके बाद आनन-फानन में 89 आवेदन फार्म गप्फार को उपलब्ध कराए गए। पेशे से शिक्षिका सरिता ठाकुर गप्फार की परिचित थी इसलिए उसने उन्हें भी सहयोगी बनाया और फार्म उपलब्ध कराए। इसके बाद बेरोजगारों को जाल में फंसाने के साथ ही नौकरी दिलाने के नाम पर 1-1 लाख रुपए की डिमांड करने का क्रम जारी हुआ था। गप्फार व सरिता ठाकुर के अनुसार उन्होंने अभी तक 10 लाख रुपए भर्ती कराने वाली पार्टी को दिया है। आनंद और अनिल नामक युवकों ने बताया कि बिना परीक्षा दिए ही स्पीड पोस्ट के माध्यम से उन्हें ज्वाईनिंग लेटर मिला था जिसमें हाईकोर्ट के सील व सिग्रेचर भी थे। आरोपियों के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया जहां से दो दिन की रिमांड दी गई है। पुलिस नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए पूछताछ में जुटी है।

इनका कहना है

आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और इसमें कई लोगों के संलिप्त होने की संभावना है। मामले का मास्टरमाइंड कौन है इसका पता लगाया जा रहा है और फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले गिरोह तक पहुंचने का प्रयास गंभीरता से किया जा रहा है। आरोपियों के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
-संजय दुबे, टीआई, माधवनगर

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