सर्द हवा चलने से सूर्य निकलने के बाद भी लोग पहनने लगे गर्म कपड़े, खुले स्थानों में बढ़ी गलन

कटनी सर्द हवा चलने से सूर्य निकलने के बाद भी लोग पहनने लगे गर्म कपड़े, खुले स्थानों में बढ़ी गलन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-20 07:23 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,कटनी। पूर्वा ने दिन और रात का पारा तीन दिनों के अंतराल में 4 डिग्री तक लुढक़ा दिया। जिससे शुक्रवार-शनिवार दरम्यानी रात सर्द का तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। दिन का भी पारा गोता लगाया। 25 डिग्री सेल्सियस पर दिन का तापमान रहने और सर्द हवा चलने से सूर्य निकलने के बाद भी लोग गर्म कपड़े पहने रहे। इधर मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि कड़ाके की ठंड का दौर शुरु हो गया है।

आगामी एक-दो दिनों के अंतराल में रात का पारा 6 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। 21 नंवबर के बाद हवा की दिशा बदलेगी। जिसके बाद दिन और रात का पारा स्थिर रह सकता है। एक तरफ ठंड की शुरुआत हो चुकी है तो दूसरी तरफ अलाव के लिए शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं।

इस तरह रही पारे की स्थिति

दिनांक            न्यूनतम     अधिकतम   
7 नवंबर           14.2         32.2
8 नवंबर           13.7         31.4
9 नवंबर           14.4         30.9
10 नवंबर          14.4         30.7
11 नवंबर           16          30.8
12 नवंबर          12.9         29.8
13 नवंबर           11.3        29.2
14 नवंबर           29.2        11.2
15 नवंबर           30.2        10.3
16 नवंबर           30.4        11.6
17 नवंबर           30.5        12.8
18 नवंबर           27.3        8.7
19 नवंबर           25.8        7.9

एक सप्ताह से बनी है चाल

सर्द की शुरुआत तो इस माह के प्रथम सप्ताह से ही हो चुकी थी। 6 नंबवर तक दिन का पारा जहां 35 और रात का पारा 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास मंडरा रहा था, वहीं इस दिन से रात और दिन का पारा लगातार गोता लगाने लगा। 13 से लेकर 19 नवंबर के बीच दिन के तापमान में एकाएक गिरावट दर्ज की गई है। तीन दिन पहले दिन का पारा 30.5 और रात का पारा 12.8 डिग्री सेल्सियस पर बना रहा।

अलाव की नहीं व्यवस्था

शाम होते ही लोग ठंड से कंपकपाने लगते हैं। इसके बावजूद शहर से लेकर ब्लाक मुख्यालयों में अलाव के इंतजाम अभी तक नहीं किए गए हैं। जिसके चलते कूड़ा-करकट को जलाते ही लोग ठंड से बचने का इंतजाम कर रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी उन राहगीरों को होती है, जो दूर-दराज से ट्रेनों या फिर बसों के माध्यम से जिला मुख्यालय तो पहुंच जाते हैं, लेकिन रात में ग्रामीण अंचलों में साधन नहीं होने के कारण वे रात में ही बस स्टैण्ड या फिर स्टेशन के आसपास समय व्यतीत करते हैं। उनके लिए भी अलाव के इंतजाम नहीं किए गए हैं।
 

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