धान घोटाला: किसानों की राशि अटकी, सात माह बाद भी नहीं मिला अंतिम देयक पत्र
धान घोटाला: किसानों की राशि अटकी, सात माह बाद भी नहीं मिला अंतिम देयक पत्र
डिजिटल डेस्क कटनी। बहोरीबंद क्षेत्र के संसारपुर खरीदी केन्द्र में 12 लाख रुपये के धान घोटाले में अंतिम देयक पत्र का खेल हाल ही में उजागर हुआ है। दरअसल गड़बड़ी करने के बाद हिंन्दुस्तानी ग्राम संगठन स्वसहायता समूह के पदाधिकारी दलालों के इशारे पर उस अंतिम देयक पत्र को हजम कर गए। जिसमें पूरी खरीदी का लेखा-जोखा होता है। खरीदी होने के बाद प्रत्येक केन्द्र प्रभारी को यह पत्र संबंधित विभाग को जमा करना होता है। इसके बावजूद तीन-तीन विभागों के अफसर राजनैतिक दवाब के आगे इस पत्र की ही सुध नहीं लिए। इसका खामियाजा क्षेत्र के करीब दो दर्जन किसान सात माह से भुगत रहे हैं। अनाज बेचने के बाद मेहनत की कमाई लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर अन्नदाता मजबूर है। इधर नॉगरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी ने बताया कि जांच लगभग पूरी कर ली गई है। जल्द ही समूह के कमीशन और हैण्डलिंग चार्ज से संबंधित किसानों का भुगतान किया जाएगा।
625 क्विंटल की हुई थी हेराफेरी-
प्रयोगिक तौर पर यहां खरीदी का जिम्मा महिला स्वसहायता समूह को दिया गया। इधर एनआरएलएम और अधिकारी खरीदी का गुणगान करते रहे। इसके बावजूद समूह के सदस्य 625 क्विंटल धान की हेराफेरी करने में कामयाब हो गए। यह गड़बड़ी तब पकड़ में आई, जब खरीदी और भण्डारण में खाई का अंतर 12 लाख 34 हजार रुपये रहा। इसकी जानकारी तो नवंबर माह में ही अफसरों को लग चुकी थी। इसके बावजूद अफसर यह कहकर टाल-मटोल रवैया अपनाते रहे कि समूह को खरीदी का अनुभव नहीं रहा। जिसके चलते दस्तावेजों में कहीं पर चूक हो गई होगी। इसके लिए समूह को सात माह का भी मौका दिया गया। राजनैतिक दवाब के आगे तो अफसर मामले को सेटल कराने में जुटे रहे, लेकिन जब किसानों के 12 लाख रुपये देने की बात आई तो फिर एक-दूसरे का मुंह ताकते रहे।
कमीशन और हैण्डलिंग चार्ज से भुगतान-
असमंजस के बीच किसानों के लिए थोड़ी सी राहत की यह बात है कि धान खरीदी के कमीशन और हैण्डलिंग चार्ज से किसानों का भुगतान किया जाएगा। नान के अधिकारी बताते हैं कि कमीशन और हैण्डलिंग चार्ज को लेकर अब शासन के स्पष्ट निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। दोनों मद की राशि का भुगतान संबंधित किसानों को किया जाएगा। हालांकि कितने किसानों को उनका भुगतान मिलेगा और कितने किसान इसके बाद भी वंचित रह जाएंगे। इस संबंध में अफसरों का कहना है कि इसी का हिसाब किया जा रहा है।
हीला हवाली कर पुलिसिया कार्यवाही से समूह को बचाया-
इस मामले में अफसर पुलिसिया कार्यवाही से समूह को साफ बचा लिए। खरीदी केन्द्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि जांच में लेट-लतीफी का यही प्रमुख कारण रहा कि समूह के ऊपर किसी तरह से पुलिसिया कार्यवाही न होने पाए, जबकि खरीदी में गड़बड़ी पाए जाने पर खाद्य विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर कई व्यापारियों के ऊपर पुलिस ने मामला कायम किया है।
इनका कहना है-
संसारपुर खरीदी केन्द्र में 12 लाख रुपये का धान भण्डारण केन्द्रों में जमा नहीं हुआ है। जांच में पता चला कि समूह ने अंतिम देयक पत्र ही नहीं दिया है। समूह के कमीशन और हैण्डलिंग चार्ज से किसानों का भुगतान किया जाएगा।
- मधुर खुर्द, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम कटनी