धान खरीदी: बिचौलियों ने सरकारी केंद्रों में खपाने के लिए पंजाब से मंगाई उपज

किसानों को सता रही चिंता धान खरीदी: बिचौलियों ने सरकारी केंद्रों में खपाने के लिए पंजाब से मंगाई उपज

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-07 09:24 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,कटनी। धान खरीदी शुरू हुए 10 दिन का ही समय हुआ है। केन्द्रों में अभी भी उपज नहीं पहुंच रही है। तो दूसरी तरफ बिचौलिये अभी से बाहरी उपज खपाने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं। पिछले वर्ष प्रशासन ने सख्ती अपनाई थी। जिसके चलते खरीदी के पहले ही पंजाब, हरियाणा या फिर उत्तर प्रदेश आने वाली उपज पर अंकुश लगा दी थी। इस वर्ष अभी तक कार्य योजना नहीं बनने से अब फिर से पर्दे के पीछे से किसानों के नाम से उपज बेचने वाले सक्रिय हो गए हैं। मामला बड़वारा तहसील केन्द्र का है।

भुड़सा के हर जगहों पर इस समय पंजाब से मंगाई गई धान की बोरियां बड़े पैमाने पर रखी गई है। जिससे किसानों को चिंता सता रही है। बड़वारा के किसान रामलाल पटैल, मनसुख सिंह एवं अन्न दाताओं ने कहा है कि ऐसे में तो बीच के लोग माला माल हो जाएंगे और उन्हें तरह-तरह की परेशानियां होंगी। गौरतलब है कि सोमवार तक की स्थिति में 45 हजार 108 पंजीकृत किसानों में से 1515 किसान, 14 हजार 760 मिट्रिक टन उपज लेकर केंद्रों में पहुंचे हुए हैं।

इस तरह से होता है खेल, खरीदी केन्द्र प्रभारियों की रहती है भूमिका

जिले में यह खेल पिछले कई वर्षों से जारी है। पिछले वर्ष ही खरीफ के सीजन में एसडीएम ने स्लीमनाबाद के एक केन्द्र में औचक दबिश दी थी। केन्द्र के अंदर हरियाणा और यूपी की धान मिली थी। बाद में ट्रकों को थाने में खड़ा करा दिया गया था। जिस हिसाब से एसडीएम ने कार्रवाई की थी उससे लगा था कि उनके चेहरे बेनकाब होंगे जो किसानों का हक मारते हैं। इसके बावजूद मामला जांच दौरान बीच में ही रुक गया। इसी तरह का मामला विजयराघवगढ़ और बरही क्षेत्र में भी सामने आया था।

देर में होती है पूछ परख

बिचौलियों और चहेते लोगों की उपज तो आसानी से खरीदी केन्द्र के प्रभारी या फिर अन्य लोग खरीद लेते हैं, लेकिन किसानों के उपज की पूछपरख देरी से होती है। आलम यह रहता है कि उपज लेजाकर किसान यहां पर चौकीदारी करते हैं। जिसके बाद भी उपज की खरीदी हो पाती है। पिछले वर्ष पोर्टल बंद हो जाने के कारण सैकड़ों किसानों को परेशानी हुई थी। बाद में भोपाल से अफसरों ने समन्वय स्थापित किया। जिसके बाद किसानों को राहत मिली थी। इस संबंध में सहकारिता आयुक्त राजयश वर्धन कुरील ने बताया कि इस संबंध में ठोस कार्रवाई होगी।
 

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