कर्जा माफी के बाद भी उपज की राशि से कटौती किए जाने का फरमान
अन्नदाताओं को मिल चुका है प्रमाण पत्र कर्जा माफी के बाद भी उपज की राशि से कटौती किए जाने का फरमान
डिजिटल डेस्क,कटनी। धान खरीदी के समय फिर से कर्जा माफी का मुद्दा गरमाता जा रहा है। किसानों के पास माफी का प्रमाण पत्र है, लेकिन उपज की राशि से कटौती किए जाने के फरमान से सैकड़ों अन्नदाताओं की मुसीबत बढ़ गई है। खरीदी केन्द्र में उपज की तौलाई के बाद किसानों को यह पता चलता है कि जो प्रमाण पत्र उन्हें मिला है। वास्तव में खरीदी केन्द्र के प्रभारी उसे महज एक कागज का टुकड़ा ही मान रहे हैं। जिसके चलते कर्जा माफी की राशि का भी समायोजन उपज की राशि से किया जा रहा है।
दरअसल यह स्थिति विसंगतियों के कारण बनी हुई है। कांग्रेस शासन के समय तो माफी का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, लेकिन समितियों के खातों में अभी भी बहुत से किसानों की राशि नहीं आई है। जिसके चलते किसानों के ऊपर कर्ज चढ़ा हुआ है। समितियों की मजबूरी है कि वे किसानों की राशि का समायोजन कर रहे हैं।
अभी तक 8 करोड़ की कटौती, ऊहापोह में सभी अन्नदाता
वर्तमान समय में करीब 345 करोड़ की उपज खरीदी जा चुकी है। जिसमें 8 करोड़ रुपए का कर्जा किसानों के ऊपर है। इस हिसाब से किसानों को कर्जा वसूली के बाद करीब 337 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। इसमें वे सभी कर्ज शामिल हैं। जिसमें किसान अलग-अलग समय लिए हैं। सीजन में कर्ज लेकर खाद और बीज लेने वाले किसानों को तो किसी तरह की परेशानी नहीं है, लेकिन असमंजस में वे किसान हैं, जो माफी का प्रमाण पत्र लेकर यह समझकर बैठ गए थे कि अब उन्हें पुराना कर्ज नहीं चुकाना है।
सुन नहीं रहे खरीदी केन्द्र के प्रभारी, लौटे रहे मेहनतकश
कन्हवारा क्षेत्र के दर्जनों किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं। मुरारी लाल जलौहा ने बताया कि कर्जा माफी के रुप में उसे 92 हजार रुपए के राहत का प्रमाण पत्र मिल चुका है। खरीदी केन्द्र में उपज लेकर पहुंचा तो पता चला कि कर्जा अभी बना हुआ है। सुनील जार ने बताया कि उसका 71 हजार रुपए का कर्जा माफ हुआ था। राकेश पाण्डेय ने बताया कि 70 हजार रुपए कर्जा माफी का प्रमाण पत्र उसे मिल चुका है। खरीदी केन्द्र में उपज की राशि से समायोजन करने की बात खरीदी केन्द्र के प्रभारी बता रहे हैं। इसी तरह की बातें श्रीराम और अन्य किसानों ने कही। यह समस्या किसी एक केन्द्र में नहीं, बल्कि सभी जगहों पर किसानों के साथ यह समस्या बनी हुई है।
40 हजार अन्नदाता रहे पात्र
जिले के 40 हजार किसान कर्जा माफी के लिए पात्र रहे। अलग-अलग जगहों पर शिविर लगाकर किसानों को कर्जा माफी का सम्मान पत्र अतिथियों और अधिकारियों ने दिया था। योजना के तहत जिले के 56 हजसा 548 किसान ग्राम पंचायतों में हरे,सफेद और गुलाबी फार्म जमा किए थे। योजना के तहत 236 करोड़ रुपए का कर्जा शासन ने माफ किया था, लेकिन अभी भी कई किसानों के खातों में यह राशि नहीं आई है। जिसके चलते अन्नदाता परेशान हैं।