विपक्ष नेता ने की आत्महत्या करने वाले के पीड़ित परिवार से मुलाकात
यवतमाल विपक्ष नेता ने की आत्महत्या करने वाले के पीड़ित परिवार से मुलाकात
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. जिले में किसान आत्महत्या बड़ी संख्या में हो रही है। इसकी गूंज ऊपर ऊपर तक पहुंची है। इसीलिए राज्य के शिवसेना के विपक्ष के नेता अंबादास दानवे सोमवार को मारेगांव दौरे पर आए। यहां बोरी में पुंडलिक रूयारकर के घर भेंट देकर उनके परिवार को सांत्वना दी। इस समय कुंभा सरपंच अरविंद ठाकरे उपस्थित थे। उनके माध्यम से इस परिवार को 25 हजार रुपए की नकद सहायता दी गई। इसके बाद दानवे ने दापोरा में बाढ़ से बर्बाद हुई खेती का निरीक्षण किया। यहां के आत्महत्या कर चुके किसान तोताराम चिंचोलकर के परिवार काे सांत्वना दी। बाद में वरोरा रास्ते से नागपुर रवाना हुए। इस समय दानवे को कई लोगों ने समस्याओं का ज्ञापन सौंपा। इससे पहले गत माह में अजित पवार ने इस क्षेत्र में पहुंचकर क्षति का जायजा लिया था। यही नहीं विधानसभा में आवाज बुलंद करने के बारे में कहा था, मगर अब तक किसानों को राज्य या केंद्र सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है। घोषणा हुई, जीआर निकले मगर मुआवजा मिलने की उम्मीद दिखाई नही दे रही है। सितंबर की 9 तारीख को ही राज्य सरकार ने 530 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों को जुलाई का दिया है।इसकी एक पाई भी किसानों को नही मिली है। दानवे के साथ शिवसेना तहसील प्रमुख संजय आवारी, संजय निखाडे, गणपत लेडांगे,मारेगांव नगराध्यक्ष डा.मनीष मस्की आदि उपस्थित थे।
रालेगांव के बाढ़ पीड़ितों से भी मिले दानवे
उधर रालेगांव में जुलाई के दौरान आई बाढ़ से तहसील के झाड़गांव में 663 हेक्टेयर खेत की फसल बह गई थी। गांव में पानी घुस जाने से घरों का नुकसान हुआ। विपक्ष नेता दानवे ने मंगला भोयर के खेत के मेढ़ पर जाकर निरीक्षण किया। किसान बंडू संगेवार के पुत्र ने आत्महत्या की थी। उनके परिवार को सांत्वना दी। दापोरी कासार में पांडुरंग तपासे, किशोर ठिपके के खेत की क्षति का निरीक्षण किया। चहांद के ज्ञानेश्वर धोबे के परिवार में 2 आत्महत्याएं हुई। उनके परिवार से भी मिलकर सांत्वना दी। विधानसभा में यह समस्या रखेंगे और किसानों को लाभ दिलवाएंगे ऐसा दानवे ने कहा। इस समय एसडीओ शैलेश काले, तहसीलदार डा. रवींन्द्र कानडजे, शिवसेना के राजेन्द्र गायकवाड़, श्रीकांत मुनगिनवार, संतोष ढवले, के साथ विनोद काकडे, शंकर गायधने आदि उपस्थित थे। । इससे पहले यहां अजित पवार और कृषिमंत्री अब्दुल सत्तार दौरा कर चुके हैं, मगर मुआवजा नहीं मिला