यात्री सुविधाओं को दरकिनार कर हो रहा संचालन, ड्राइवर व कंडक्टर भी नहीं रहते वर्दी में

बस संचालकों की मनमानी यात्री सुविधाओं को दरकिनार कर हो रहा संचालन, ड्राइवर व कंडक्टर भी नहीं रहते वर्दी में

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-25 09:44 GMT
यात्री सुविधाओं को दरकिनार कर हो रहा संचालन, ड्राइवर व कंडक्टर भी नहीं रहते वर्दी में

डिजिटल डेस्क,शहडोल। निजी बस संचालकों की मनमानी फिर शुरु हो गई है। नियमों और यात्रियों की सुरक्षा को दर किनार कर बसों का संचालन किया जा रहा है। कई बार हुए हादसों को देखते हुए शासन द्वारा जो नियम बनाए गए थे, उनका कुछ दिनों तक पालन करने के बाद फिर से यथा स्थिति बन चुकी है। सुरक्षा की दृष्टि से सबसे अहम निर्देश इमरजेंसी खिडक़ी बनाने का था। निर्देश के बाद बसों में इसकी व्यवस्था बनाई तो गई, लेकिन कुछ महीने बाद इमरजेंसी विंडों के पास सीटें लगा दी गईं हैं। ज्यादातर बसों में यह स्थिति देखने को मिल जाएगी। 
यही नहीं अधिकतर बसों के चालक व कंडक्टर निर्धारित वर्दी में नही रहते। इसका परीक्षण करने पर कई चालकों ने बताया कि वर्दी सिलने को दिया है। कुछ ने बताया धुलने के लिए दिया है। हालांकि कुछ बसों के चालक वर्दी में नजर आए। तमाम तरह की मनमानी को लेकर प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। जब भी कोई हादसा होता है तो प्रशासन सक्रिय हो जाता है। उसके बाद अभियान ठंडे बस्ते में चला जाता है।

इस प्रकार की मनमानी पर प्रशासन का ध्यान नहीं

> इमरजेंसी विंडो में अंदर से सीटें लगा दी गई हैं, ताकि अधिक सवारियों को बैठाया जा सके।
> जिन बसों में इमरजेंसी विंडो के पास सीटें नहीं लगाई हैं उन स्थानों पर का उपयोग लगेज रखने के लिए किया जा रहा है।
> लगेज का सामान रख दिए जाने से जरूरत पडऩे पर इमरजेंसी दरवाजा या विंडो खोलने में दिक्कत हो सकती है।
> अनेक बसों में फस्र्ट एड बॉक्स और फायर सेफ्टी तक की सुविधा नहीं है। जरूरत पडऩे पर यात्रियों का लाभ नहीं मिल पाएगा।
> बस कर्मचारियों के निर्धारित वर्दी में नहीं होने के कारण पहचान करना मुश्किल होता है कि कौन कर्मचारी है या कोई और।

बसों का नियमों के अनुसार संचालन और यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जल्द ही अभियान चलाकर नियम विरुद्ध संचालकों पर कार्रवाई कराई जाएगी।

(आशुतोष भदौरिया, जिला परिवहन अधिकारी)
 

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