70 की जगह पर 50 किलो राशन का हो रहा था वितरण

कटनी 70 की जगह पर 50 किलो राशन का हो रहा था वितरण

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-14 11:00 GMT
70 की जगह पर 50 किलो राशन का हो रहा था वितरण

 डिजिटल डेस्क कटनी जिला मुख्यालय के राशन दुकानों में गरीबों के अनाज गटकने का मामला खाद्य विभाग ने औचक निरीक्षण में पकड़ा। वेंकट वार्ड स्थित लक्ष्मी महिला शासकीय उपभोक्ता भंडार में कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी पीयूष शुक्ला और रविन्द्र पटेल जांच में पहुंचे। यहां पर एक उपभोक्ता को रोकते हुए राशन की जानकारी ली तो पाया कि चार माह से उक्त उपभोक्ता को 70 किलो राशन की जगह पर दुकानदार 50 किलो अनाज दे रहा है। भैयालाल ने बताया कि दुकानदार 25 किलो पात्रता पर्ची के तहत और 25 किलो योजना के तहत उन्हें गेहूं और चावल दिया जा रहा है। अधिकारी सुबह दुकान खुलने के समय ही पहुंच गए थे। इसके बावजूद दुकान में ताला लटका रहा। जिस पर अधिकारियों ने नाराजगी जताई।
दुकान में 200 उपभोक्ता
गोदामों से उपभोक्ताओं की संख्या के हिसाब से राशन लेने वाले दुकानदार को मौके पर अधिकारियों ने फटकार भी लगाई। इस दुकान से करीब 200 उपभोक्ता जुड़े हुए हैं। यदि एक उपभोक्ता से सीधे-सीधे 20 किलो राशन की कटौती की जाती है, तो एक माह में यह आंकड़ा 4 क्विंटल के आसपास पहुंचता है। इस हिसाब से यह खेल एक माह में 15 से 20 हजार रुपए का होता है। अधिकारियों का कहना है कि अन्य उपभोक्ताओं से भी जानकारी ली जाएगी। जिसके बाद ही इस संबंध में और अधिक बताया जा सकता है।
जानकारी लगते   ही लगाई दौड़
अधिकारी ठंड के समय भी दुकान खुलने के समय यहां पर पहुंच चुके थे। इसके बावजूद  विक्रेता घर में आराम फरमा रहा था। अधिकारियों के पहुंचने की जानकारी जैसे ही विक्रे ता को लगी। वह दौडक़र अधिकारियों के पास पहुंचा। समय पर दुकान नहीं खुलने को लेकर जब अधिकारियों ने कारण पूछा तो विक्रेता ने बेतुका बयान दिया। जिस पर अधिकारियों ने कहा कि समयानुसार दुकान खोलने की जिम्मेदारी विक्रेता की है। इसके लिए शासन दुकानदारों को कमीशन की राशि भी देता है।
संचालन में रिश्तेदारी प्रथा
मुख्यालय के दुकान में अभी भी संचालन में रिश्तेदारी प्रथा हावी है। 70 दुकानों में से कई विक्रेता तो ऐसे हैं। जिनके पास दो से तीन दुकानों की चाबी है। यहां तक की वे अपने रिश्तेदारों को भी दुकान देकर अप्रत्यक्ष रुप से इसका संचालन कर रहे हैं। वर्तमान समय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन वितरण में कई जगहों पर धांधली की जा रही है।

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