क्या अभी और रुलाएगा प्याज ! नाशिक मंडी में प्याज के दाम ने अबतक का रिकार्ड तोड़ा
क्या अभी और रुलाएगा प्याज ! नाशिक मंडी में प्याज के दाम ने अबतक का रिकार्ड तोड़ा
डिजिटल डेस्क, नाशिक। देश की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव कृषी उपज समिती में प्याज के दाम ने पिछले 72 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पहली बार मंडी में 7 हजार प्रति क्विंटल तक दाम पहुंच गए। इससे पहले 22 अगस्त 2015 में प्याज 6 हजार 326 रुपए प्रति क्विंटल थे। जबकी 22 दिसंबर 2010 को लाल प्याज 6 हजार 200 रुपए प्रति क्विंटल से बिका था। यही नहीं पिछले 24 घंटो में प्याज के दाम में 700 रुपए की बढ़ोतरी हुई हैं। बेमौसमी बारिश खतरनाक सबित हुई। ज्यादातर प्याज सड़ चुका। दक्षिण में भी प्याज की आवक कम हुई। देश के विभिन्न राज्यों में नाशिक ही एक मात्र ऐसा जिला हैं, जो सबसे ज्यादा प्याज उपलब्ध करता हैं, लेकिन इस बार प्याज की फसल लगभग तबाह ही हो चुकी है। रबी के प्याज का स्टोरेज खत्म हो रहा है, आवक घट रही है, बेमौसम बारिश से लाल प्याज का खासा नुकसान हुआ, देसी प्याज की आवक में भी कम देखी गई है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी 1.2 लाख टन प्याज आयात की मंजूरी
प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए केन्द्र ने प्याज आयात करने का फैसला लिया, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 1.2 लाख टन प्याज आयात करने के खाद्य मंत्रालय के निर्णय को मंजूरी दी है
सितंबर से शुरु हुआ सिलसिला
सितंबर 2019 की बात करें तो प्याज 3000 प्रति क्विंटल से बढ़ती गई। केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप कर प्याज का निर्यात मूल्य तय किया था, लेकिन दाम नियंत्रित नहीं हो सके। केंद्र के आदेश पर आयकर विभाग ने प्याज व्यापारियों के निवास और गोदाम पर छापे मारे, लेकिन दाम पर कोई असल नहीं हुआ।
पिछले चार वर्षो के आंकड़े
कृषी उपज मंडी में गुरुवार को 34 वाहनो में 513 क्विंटल प्याज की आवक हुई। इस दौरान प्याज के न्यूनतम दाम 2600, औसत 6451 और अधिकतम दाम 7000 रुपए थे। इसी प्रकार 47 वाहनो से 560 क्विंटल लाल प्याज की आवक हुई, जिसे न्यूनतम 2581, औसत 5500 और अधिकतम 5850 रुपए का दाम मिला। पिछले चार वर्षो के आंकड़ों के तहत नवंबर 2016 में 154117 क्विंटल प्याज की आवक हुई, जब्कि 2017 में 262515 क्विंटल आवक हुई थी, जिसे 2852 रुपए दाम मिला था। इसी तरह नबंबर 2018 में 139908 क्विंटल प्याज की आवक हुई थी। जिसे औसतन 879 दाम मिला था, जबकी नबंबर 2019 में 35000 क्विंटल आवक हुई, जिसे 4900 रुपए दाम मिला था।
किसानों को फायदा नही
प्याज उत्पादक किसान निवृत्ती न्याहाकर के मुताबिक कृषी मंडी में प्याज को अति उच्च दाम मिला, लेकिन इसका फायदा किसान को नहीं होगा, क्योंकी किसान के पास बहुत कम प्याज हैं।
जनवरी तक यही स्थिती
सभापती कृषी मंडी सुवर्णा जगताप के मुताबिक बेमौसम बारिश हुई थी, जिससे फसल का काफी नुकसान हुआ। प्याज की खेती लगभग बर्बाद हो गई, जबकी देशभर से प्याज की डिमांड में इजाफा हुआ है। इसलिये प्याज के दाम 7 हजार प्रति क्विंटल से ऊपर जा चुके हैं। माना जा रहा है कि यह स्थिति जनवरी तक बनी रह सकती है।