कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर रहे अधिकारी-कर्मचारी
प्रशासन को चुनौती दे रहे जमीन और कॉलोनी के कारोबारी कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर रहे अधिकारी-कर्मचारी
डिजिटल डेस्क,कटनी। जिला मुख्यालय में अवैध प्लाटिंग करने वाले लोग अब सीधे-सीधे प्रशासन को ही चुनौती दे रहे हैं। कुठला थाना क्षेत्र में प्राइवेट सब्जी मंडी के सामने पहले तो प्लाटिंग करने वालों ने सीधे सरकारी नाले को ही भाट दिया। मीडिया के माध्यम से जब अफसरों ने सख्ती बरती तो फिर खानापूर्ति कार्यवाही में मैदानी अमले ने अफसरों के आंखों में ही धूल झोंकने का काम किया।
यहां पर वास्तविक रिकार्ड में नाले की चौड़ाई 12 से 14 मीटर बताई जा रही है। वर्तमान समय में सिर्फ एक मीटर चौड़ाई की ही मिट्टी निकाली गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मैदानी अमला यह सब तथाकथित लोगों के इशारों में काम कर रहा है। प्लाटिंग करने वाले गिरोह का हौसला यहीं पर नहीं रुका, बल्कि इसके आगे तो चाका पंचायत सीमा में मुख्य मार्ग के किनारे की करीब 8 एकड़ के क्षेत्रफल में अवैध रुप से प्लाटिंग की गई है।
एक माह बाद भी तय नहीं जिम्मेदारी
नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र के अंतर्गत कुठला क्षेत्र में यहां पर प्लाटिंग का खेल एक माह से चल रहा है। हरे-भरे पेड़ों को काटते हुए जमीन को समतल कर दिया गया। मुख्य मार्ग से ही अफसर और कर्मचारी निकलते रहे। इसके बावजूद किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की। जिसका परिणाम रहा कि नाला के ऊपर मिट्टी और मुरुम बिछाते हुए उसका अस्तित्व मिटाने का दु:साहस तीन से चार पार्टनर कर दिखाए। जानकारी लगने पर राजस्व और नगर निगम का अमला पहुंचा, अब कार्यवाही में भी लीपापोती करने का काम किया जा रहा है। अतिक्रमण प्रभारी और क्षेत्र के इंजीनियर अब तक नाले को मिटाने वाले नामों का पता नहीं लगा सके हैं।
अवैध प्लाटिंग में शुरु हुआ निर्माण
चाका पंचायत क्षेत्र में स्कूल के सामने दूसरी तरफ आठ एकड़ के अवैध प्लाटिंग में कुछ लोगों ने मकान बनाना भी शुरु कर दिया है। जिस पर अभी तक राजस्व विभाग मौन साधे हुए है। प्रशासन की कार्यवाही नहीं होने से शहर के साथ-साथ जिला मुख्यालय से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह-जगह अवैध प्लाटिंग का कारोबार जमकर फलफूल रहा है। वर्तमान समय में सबसे अधिक अवैध प्लाट का कारोबार चाका पंचायत क्षेत्र में ही चल रहा है। जिसमें एक-दो जगहों पर कार्यवाही हो चुकी है,जबकि छह जगहों पर बड़े पैमाने में प्लाटिंग की गई है, जिन्हे देखने की भी फुरसत जिम्मेदारों को नहीं मिली।