बस चालक को नहीं मिली छुट्टी, इलाज के अभाव में बीमार दिव्यांग बेटी ने तोड़ा दम
कार्रवाई की मांग बस चालक को नहीं मिली छुट्टी, इलाज के अभाव में बीमार दिव्यांग बेटी ने तोड़ा दम
डिजिटल डेस्क, यवतमाल। खबर दिग्रस की है, जहां ऑटो में बेटी की लाश लिए बैठे दंपति का रो-रोकर बुरा हाल हो गया, मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस पीड़ित परिवार को दिलासा देती रही। मृत बच्ची के पिता किशोर राठोर का आरोप है कि यदी वक्त रहते उसे छुट्टी मिल जाती, तो आज बेटी जिन्दा होती। किशोर रापनि बस का चालक है, उसका आरोप है कि बीमार बेटी के उपचार के लिए उसने डिपो मैनेजर संदीप मडावी और ट्रैफिक कंट्रोलर रवी जाधव के पास छुट्टी का आवेदन दिया था, इसके बावजूद छुट्टी नहीं दी गई। नतीजतन बेटी की तबियत बिगड़ते गई, किसी अच्छे अस्पताल नहीं ले जा सके, आखिरकार गुरुवार तड़के बिटिया ने दम तोड़ दिया।
किशोर राठोड की दिव्यांग बेटी स्नेहा की उम्र 14 साल थी, कुछ दिनों से वो बीमार थी। अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए पीड़त परिवार स्नेहा का शव लेकर भरी दोपहरी में स्थानीय डिपों पहुंचा। जिसकी सूचना मिलते ही पीएसआई विजय रत्नपारखी टीम के साथ वहीं आ गए। इसके बाद पुलिस ने पीड़त परिवार को समझाने की कोशिश की, तब जाकर स्नेहा का शव पोस्ट मार्टम के लिए भेजा जा सका। इस घटना से रापनिकर्मी दुखी दिखाई दिए। कर्मचारियों ने दोनो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है।