मंत्री को सर्टिफिकेट की डुप्लीकेट कॉपी देने के लिए मुंबई यूनिवर्सिटी ने किया अपने ही सर्कुलर का उल्लंघन
चंद्रकांत पाटील सर्टिफिकेट मामला मंत्री को सर्टिफिकेट की डुप्लीकेट कॉपी देने के लिए मुंबई यूनिवर्सिटी ने किया अपने ही सर्कुलर का उल्लंघन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील को सिर्फ एक दिन में कन्वोकेशन सर्टिफिकेट की नकल (ड्यूप्लिकेट) देने के मामले में विवादों में फंसी मुंबई यूनिवर्सिटी ने जो सफाई दी है उससे भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। मुंबई यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान में दावा किया गया कि उस पर कोई दबाव नहीं था और उसने नियमों के तहत ही काम किया है। लेकिन मुंबई यूनिवर्सिटी ने 12 जून 2019 को एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें उसने कहा था कि अंकपुनर्गणना, डिग्री या मार्कशीट की प्रति राज्य सरकार के पोर्टल "आपले सरकार'के ही जरिए आवेदन करने पर दी जाएगी। आवेदन स्वीकारने की मौजूदा प्रक्रिया खत्म की जा रही है। लेकिन मंत्री पाटील के मामले में न सिर्फ ऑफलाइन अर्जी स्वीकार की गई बल्कि उन्हें कुछ ही घंटों में कन्वोकेशन सर्टिफिकेट की नकल भी दे दी गई। मामला उठाने वाले युवा सेना से जुड़े प्रदीप सावंत ने कहा कि मुंबई यूनिवर्सिटी ने जो दावा किया है कि उस पर कोई दबाव नहीं था यह गलत है। अगर दबाव नहीं होता को ऑफलाइन आवेदन स्वीकार कर इतनी जल्दी सर्टिफिकेट की नकल नहीं दे दी जाती। हम मामले में मंत्री चंद्रकांत पाटील को हटाए जाने की मांग कर कायम हैं। वहीं मामले में मुंबई यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता (परीक्षा विभाग) विनोद मलाले ने स्वीकार किया कि मंत्री पाटील के मामले में यूनिवर्सिटी ने ऑफलाइन आवेदन स्वीकार किया लेकिन सिर्फ उनके लिए ऐसा नहीं किया गया है, कुछ मामलों में दूसरे लोगों को भी इस तरह सर्टिफिकेट दिया गया है। उन्होंने कहा कि ड्यूप्लिकेट सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया आपले सरकार पोर्टल से जोड़ दी गई है लेकिन अगर ऑनलाइन आवेदन में किसी को परेशानी हो रही है तो हम एकाध बार ऑफलाइन अर्जी और पैसे भी स्वीकार कर लेते हैं। मलाले ने कहा कि हम मामले में पहले ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं।
क्या है मामला
चंद्रकांत पाटील ने साल 1980 में मुंबई यूनिवर्सिटी के सिद्धार्थ कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की थी। मूल कन्वोकेशन सर्टिफिकेट खो जाने के बाद उन्होंने इसी साल 23 मार्च को ड्यूप्लिकेट डिग्री के लिए आवेदन किया और सिर्फ आठ घंटे में उन्हें मुंबई यूनिवर्सिटी ने यह उपलब्ध करा दिया। युवा सेना का दावा है कि दबाव में ऐसा किया गया और मामले में राज्यपाल से शिकायत कर मंत्री पाटील को बर्खास्त करने की मांग की है।