एमपीआरडीसी ने हैण्डओवर को लेकर लिखा पत्र, एनएचएआई ने दर्ज कराई आपत्ति
240 करोड़ की सडक़ में नहीं बदले जा सके 800 पैनल एमपीआरडीसी ने हैण्डओवर को लेकर लिखा पत्र, एनएचएआई ने दर्ज कराई आपत्ति
डिजिटल डेस्क,कटनी। शहर की सीमा चाका से बनाये गए नेशनल हाइवे 43 के उमरिया तक 70 किलोमीटर (लागत 240 करोड़ रुपए) के हिस्से में मरम्मत के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर एनएचएआई को हैंडओवर करने का खेल खेला जा रहा है। करीब 70 किलोमीटर के हिस्से में सडक़ में अभी भी जगह जगह दरार हैं, जहां पर पैनल बदलने की जगह ठीक कम्पनी स्ट्रेच कर डामर का पैबन्द लगाकर औपचारिकता पूरी कर रही है। इसके साथ निर्माण की देखरेख करने वाले सडक़ विकास निगम ने खानापूर्ति तक पूरी प्रक्रिया सीमित कर ली है।जिससे सडक़ विकास निगम के अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी शिकायतों में आरोप लगाये गए हैं।
कई जगहों पर दो फाड़, 2250 जगहों पर होना था सुधार कार्य
सडक़ कई जगहों पर दो फाड़ में नजर आ रही है। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने करीब 2250 पैनल बदलने के निर्देश दिए थे। लेकिन आरोप है कि अभी भी करीब 8 सौ पैनल नही बदले गए और डामर भरकर पैनल बदलने की कागजी खानापूर्ति कर समय सीमा पूर्ण होते हैंड ओवर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ऐसी ही जल्दबाजी की कार्यवाई पर गत वर्ष एनएचएआई ने रोड को हैंडओवर लेने से इनकार कर दिया था,इसबार देखना होगा कि एनएचएआई अपनी विजिट के बाद क्या एक्शन लेता है। जिससे की सडक़ की गुणवत्ता बरकरार रहे।
कन्सलटेंट को हटाया
इस मामले में एक और बड़ा खेल सामने आया है। जिसमें कन्सलटेंट एजेंसी को ही हटा दिया गया है। एमपीआरडीसी की देखरेख में सडक़ का निर्माण गुजरात की निर्माण एजेंसी कर रही थी जिसमे टेक्निकल कन्सलटेंट का जिम्मा थीम इंजीनियरिंग के पास था। सूत्रों के मुताबिक कन्सलटेंट की रिपोर्ट पर ही भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। कन्सलटेंट के द्वारा लगातार मरम्मत और पैनल बदलने के दबाव बनाया जाता था।
इनका कहना है
एमपीआरडीसी ने सडक़ हैण्डओवर का पत्र विभाग को दिया है। सडक़ों में कई जगहों पर पैनल नहीं बदलने की जानकारी आई है। इसके लिए सबसे पहले विजिट किया जाएगा। इसके बाद ही हैण्डओवर की कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में एमपीआरडीसी के अधिकारियों को यह बात बता दी गई है।
-सुमेश बाझल, प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर एनएचएआई जबलपुर