बालिकावधु बनने से बची नाबालिग, पांच घंटे बाद पहुंची टीम

दोनों पक्षों को समझाइश, रोकी शादी लिया शपथ पत्र बालिकावधु बनने से बची नाबालिग, पांच घंटे बाद पहुंची टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-20 15:17 GMT
बालिकावधु बनने से बची नाबालिग, पांच घंटे बाद पहुंची टीम

 
डिजिटल डेस्क कटनी। जागरूक नागरिकों की सजगता से एक नाबालिग बालिकावधु बनने से बच गई। हालांकि महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी सूचना के पांच घंटे बाद पहुंचे और वर-वधु पक्ष को समझाइश देकर विवाह रोका। जानकारी के अनुसार स्थानीय गहोई धर्मशाला में रविवार को शहडोल की लड़की एवं कटनी के लड़के की शादी की रस्में चल रही थीं। तब लोगों को संदेह हुआ कि लड़की उम्र कम है। तब महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी को सूचना दी। परियोजना अधिकारी ने चाइल्ड हेल्पलाइन में सूचना देने की बात कहकर मामले को टाल दिया। जब काफी देर तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तब महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को जानकारी दी। जिला  कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर रात 9 बजे चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला बाल विकास विभाग की टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंची। टीम ने बालिका परिजनों से आधारकार्ड में मांगा, उसमें बालिका की उम्र 20/5/2004 दर्ज है। तब दोनों पक्षों लोगों को समझाइश दी लेकिन दोनों पक्ष मानने तैयार नहीं थे। काफी प्रयास के बाद विवाह स्थगित करने तैयार हुए। जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह के अनुसार परियोजना अधिकारी के बीमार होने पर पर्यवेक्षक ज्योति बर्मनख् श्रद्धा शुक्ला एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चाइल्ड हेल्पलाइन के पुष्पेन्द्र अग्रवाल को पुलिस बल के साथ मौके पर भेजा। लड़की की उम्र कम होने पर वर-वधु पक्ष को समझाइश देकर शादी स्थगित कराई एवं पंचनामा तैयार कर दोनों पक्षों की लिखित सहमति ली।

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