यूरिया के लिए जान से खिलबाड़, किसानों की लगी लंबी लाइन

यूरिया के लिए जान से खिलबाड़, किसानों की लगी लंबी लाइन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-26 17:46 GMT
यूरिया के लिए जान से खिलबाड़, किसानों की लगी लंबी लाइन


डिजिटल डेस्क शहडोल।  काफी समय बाद पहुंची खाद लेने के लिए किसान टूट पड़े। विपणन व सहकारी समितियों के माध्यम से बुधवार को यूरिया खाद का वितरण शुरु हुआ। लंबे समय से इंतजार में बैठे किसान खाद मिलने की सूचना पर बड़ी संख्या में केंद्र जा पहुंचे। शहडोल मुख्यालय स्थिति सोसायटी में तो एक किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। हर कोई जल्द से जल्द खाद पाना चाह रहा था क्योंकि शंका थी कि हमेशा की तरह खाद खत्म न हो जाए। इस सेंटर में आस-पास के करीब 20 गांवों के किसान खाद उठाते हैं। जिस कारण यह भारी भरकम भीड़ जमा हो गई। व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस तक की मदद लेनी पड़ गई। यही हाल जिले की अन्य सासोयटियों में भी देखा गया। खाद लेने की आपाधापी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होते नहीं दिखा। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही यूरिया की रैक यहां पहुंची थी। जिसे समितियों तक पहुंचाया गया है। भारतीय किसान संघ के डॉ. भानुप्रताप सिंह ने खाद की कमी को लेकर कलेक्टर से पत्राचार किया था। किसानों ने मांग की है कि खाद की निरंतर आपूर्ति कराते रहें ताकि भविष्य में परेशानी न होने पाए।

15 दिन से काट रहा सोसायटी का चक्कर

सोयायटी में ब्लॉक स्तर से खाद वितरण होता है। इसके अलावा जिला मुख्यालय में उमरिया सोसायटी से भी फुटकर व सीमित मात्रा में दिया जाता है। सोमवार व मंगलवार को दो दिन से हजारों लोग दूर-दूर से सरकारी खाद लेने उमरिया आ रहे हैं। किसान विनय मिश्रा का कहना है 25 एकड़ की फसल में मैं दो बोरी यूरिया क्या करूंगा। गांव में यूरिया नहीं है। व्यापारियों के गोदाम में पहुंचा दी गई है। राम बाई ने बताया 15 दिन से एक किराया भाड़ा लगाकर कोड़ार से आ रही है। लोढ़ा निवासी किसान ने बताया यह सब सांठगांठ से हो रहा है। सोसायटी व बड़े व्यापारियों के यहां भंडारण की आकस्मिक जांच हो, सारे काले कारोबार का खुलासा हो जाएगा।

खाद की कालाबाजारी रोकी जाए

जिला कांग्रेस अध्यक्ष आधार बहादुर सिंह ने आरोप लगाया है कि नक़ली खाद-बीज का धन्धा शुरू हो गया है। जैतपुर के किसानों को हो रही खाद की दिक्कत सोसाइटी में लंबी कतार किसानों में हड़कंप सरकारी दर पर सोसाइटी से खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसी तरह का हाल जिले भर में बना हुआ है। सोसाइटी के माध्यम से गड़बडिय़ां हो रही है। बाजार में कालाबाजारी करते हुए ऊंचे दामों पर खाद मिल रहा है। जिला प्रशासन ध्यान दें अन्यथा उग्र आंदोलन के लिए किसान मजबूर होगा।

उमरिया : दिन भर इंतजार के बाद मिल रही दो बोरी

खाद की किल्लत उमरिया में भी है। किसान यूरिया के लिए गांव से लेकर शहर तक भटक रहे हैं। गांव की सोसायटी में सेल्समैन स्टॉक खत्म बता रहे हैं। बाजार में दोगुने तिगुने दाम पर मिल रहा है। जिला मुख्यालय का डबल लॉक ही सहारा था। लिहाजा यहां रैक आते ही हजारों की संख्या में किसान उमड़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बीच जान जोखिम में डालकर दिनभर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। शाम को मायूस होकर दो बोरी ही हाथ लग पा रहा है। दूसरी ओर कृषि विभाग व सहकारिता का कहना है कहीं भी यूरिया की किल्लत नहीं है। उमरिया जिले में ढाई लाख से अधिक किसान हैं। इस बार 9850 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल लगाई गई है। इसमे धान 5910 हे. में है। रकबे के आधार पर कृषि विभाग ने 2900 मी. टन यूरिया का लक्ष्य रखा था। जुलाई माह तक सोसायटी के माध्यम से 1441 एमटी वितरण हुआ। दो दिन पूर्व डेढ़ सौ एमटी की रैक आई। वह भी सीमित जगह पहुंच पाई। कृषि विभाग का कहना है ऊपर से ही परिवहन बंद था। दूसरी ओर किसानों का कहना है महीनेभर हो चुके हैं। महज किश्तों में सोसायटी को खाद भेजी जा रही है। सोसायटी की 266 वाली यूरिया बोरी बाजार में 400 से अधिक दाम पर बिक रही है। दो दिन से उमरिया सोसायटी मंत्री मीना सिंह के आवास के सामने किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है।

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