छज्जा हटाने के लिए लाव-लश्कर साथ पहुंचा अमला, 10 एकड़ के अवैध प्लाटिंग में वाहन नहीं का बहाना

कटनी छज्जा हटाने के लिए लाव-लश्कर साथ पहुंचा अमला, 10 एकड़ के अवैध प्लाटिंग में वाहन नहीं का बहाना

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-29 13:57 GMT
छज्जा हटाने के लिए लाव-लश्कर साथ पहुंचा अमला, 10 एकड़ के अवैध प्लाटिंग में वाहन नहीं का बहाना

डिजिटल डेस्क,कटनी। शहर में अवैध निर्माण और नियमविरुद्ध प्लाटिंग में गुरुवार को नगर निगम का रुप गिरगिट की तरह नजर आया। घरेलू विवाद में निगम के अधिकारी जेसीबी और दर्जनों कर्मचारी के साथ तो महरानी लक्ष्मी बाई वार्ड स्थिति फॉरेस्टर मैदान के पीछे घर के सामने बने छज्जे को तोडऩे पहुंच गए, लेकिन माधवनगर क्षेत्र के आचार्य कृपलानी वार्ड में समदडिय़ा कॉलोनी के समीप 10 एकड़ में अवैध प्लाटिंग में कार्यवाही करने गए अफसरों  ने ट्रैक्टर और जेसीबी ही उपलब्ध नहीं होने का बहाना बना दिया। जिसके बाद नगर निगम के इंजीनियर बैक फुट पर आ गए। सुरक्षा की दृष्टि से यहां पर माधवनगर थाने का पुलिस बल भी मौजूद रहा।  

सिविल लाइन में  मचा बवाल

सिविल लाइन में दोपहर 12 बजे जब नगर निगम का अमला घरेलू विवाद में जरा सा छज्जा तोडऩे के लिए पहुंचा तो यहां पर जमकर बवाल मचा। मौके पर पार्षद और समाजसेवी संजीव सूरी भी पहुंचे और  कहा कि वे किसी का भी घर तोडऩे के पक्ष में नहीं हैं। बाद में पता चला कि यह एक परिवार के बीच ही विवाद का मामला है। युवती की बस इतनी से गलती थी कि उसने बरसात के पानी से गेट को बचाने  घर के सामने उस गली में छोटा सा छज्जा बना लिया था। जिस गली में किसी का आना-जाना नहीं होता। बाद में आपसी सहमति पर बंटवारे की बात बनी। जिसके बाद नगर निगम का अमला दोनों पक्षों को समझाईश देते हुए वापस चला आया। 

अवैध प्लाटिंग में बैक फुट पर अफसर-

समदडिय़ा कॉलोनी के समीप अवैध प्लाटिंग का मामला पिछले एक माह से सुर्खियां बना है। इसे रोकने की जिम्मेदारी तो अधिकारियों की रही, लेकिन अमले की नींद शिकायत के बाद खुली। बगैर अनुज्ञा के प्लाटिंग करने पर नगर निगम ने सुशील मोटवानी, भगवान दास, अशोक कुमार, विजय कुमार, धुव्र कुमार और रेश्मा देवी को नोटिस भी जारी किया था। इसके बावजूद गुरुवार को किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई।  

एक घंटे तक इंतजार

अवैध प्लाटिंग में सीसी सडक़ का निर्माण हो चुका था। इसे तोडऩे की कार्यवाही करने गए अफसरों को एक घंटे तक जेसीबी, ट्रैक्टर और अन्य वाहनों का इंतजार करना पड़ा। एक घंटे बाद पता चला कि वाहन उपलब्ध नहीं है। जिसके बाद नगर निगम का अमला यहां से वापस लौट आया। यह पहला मामला नहीं है, जब माधवनगर एरिया में अवैध प्लाटिंग पर राजनैतिक दंखलदांजी के आगे नगर निगम का प्रशासन बैक फुट पर आया हो। इसके पहले भी एक होटल को तोडऩे में जिला प्रशासन ने इसी तरह का ड्रामा किया था।
अफसरों ने साधी चुप्पी-माधवनगर में अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही मामले में नगरनिगम के अधिकारियों ने अब चुप्पी साध ली है। प्रभारी कार्यपालन यंत्री के.पी.शर्मा से सम्पर्क करने का लगातार प्रयास किया गया लेकिन उन्होने कॉल रिसीव नहीं किया। इसी से नगर निगम के अफसरों की मंशा समझी जा सकती है।
 

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