पुनर्जीवित किया जाएगा 75 किलोमीटर लम्बी कुनुक नदी को , 93 गांवों को मिलेगा लाभ
पुनर्जीवित किया जाएगा 75 किलोमीटर लम्बी कुनुक नदी को , 93 गांवों को मिलेगा लाभ
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शासन की नदी पुनर्जीवन योजना के तहत जिले की कुनुक नदी का चयन किया गया है। मुख्य रूप से जैतपुर और गोहपारू जनपद के बीच बहने वाली कुनुक नदी में जलस्रोत तैयार करने और आसपास का जलस्तर बढ़ाने के लिए 5577 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 122 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे दो जनपद के 90 से अधिक गांवों को मिलेगा लाभ।
नदी की लंबाई 75 किलोमीटर
कुनुक नदी की लंबाई 75 किलोमीटर है। इसका कुल कैचमेंट क्षेत्र 71669 हेक्टेयर है। बारिश के दिनों में नालों और सहायक नदियों से नदी में पानी आता है। नवंबर-दिसंबर तक नदी में पानी रहता है, लेकिन जनवरी-फरवरी तक नदी सूखने की कगार पर पहुंच जाती है। जबकि पानी की सबसे ज्यादा जरूरत फरवरी से जून माह के बीच ही होती है। नदी पुनर्जीवन योजना का उद्देश्य नदी में वर्ष भर पानी का बहाव सुचारू करना है। इसके लिए नदी का स्वरूप बिगाड़े बिना नदी के कैचमेंट एरिया में माइक्रोवाटर शेड, मीनाक्षी तालाब, परकोलेकशन टैंक, स्टोरेज टैंक आदि का निर्माण किया जाएगा। नदी के नीचे के पानी को ऊपर लाने के प्रयास किए जाएंगे। यह पूरा काम मनरेगा के तहत होगा।
76 काम शुरू हुए
इसी वर्ष फरवरी में इसकी घोषणा हुई थी। इसकी विस्तृत डीपीआर अभी तैयार हो रही है। डीपीआर में मनरेगा के अंतर्गत आईडब्ल्यूएमपी के सिद्धांतों के तहत कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं। अभी तक स्वीकृत कार्यों में से 76 कार्य शुरू करा दिए गए हैं, जिनकी लागत 378 लाख रुपए हैं। इनमें 36 मीनाक्षी तालाब, 12 लघु तालाब, 18 नवीन तालाब, 7 परकोलेशन टैंक और 3 स्टोरेज टैंक 3 का काम शुरू हुआ है। इनके माध्यम से नदी के कैचमेंट एरिया में वाटर लेवल बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे जो नदी को पुनर्जीवित करने में सहायक होगी।
53 माइक्रो वाटर शेड : बुढ़ार जनपद में 38, गोहपारू में 15
कुनुक नदी मुख्य रूप से बुढ़ार और गोहपारू जनपद के बीच बहती है। इसके अंतर्गत 93 गांव आते हैं। नदी के कैचमेंट एरिया में 53 माइक्रो वाटर शेड निर्मित होने हैं। इनमें से बुढ़ार जनपद में 38 और गोहपारू जनपद में 15 माइक्रोवाटर शेड का निर्माण किया जाएगा। डीपीआर में कुछ नई साइट का पता चला है, जबकि कुछ अनुपयोगी साइट को हटाया जाना है। इसके लिए फिर से सर्वेक्षण किया जा रहा है। 22 जुलाई तक सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। योजना को पूरा होने में 4 से पांच वर्ष का समय लगेगा।
कपिल धारा कूप भी बनेंगे
अधिकारियों का कहना है कि नदी में पानी बना रहेगा तो आसपास के लोगोंं को लाभ होगा। योजना में कपिल धारा कूप भी ले रहे हैं। हितग्राहियों को कैचमेंट एरिया में कपिल धारा कूप की स्वीकृति दी जाएगी। ताकि जल के स्वर को बढ़ाया जा सके। नदी के पूरे कैचमेंट एरिया में 70 फीसदी जमीन वन विभाग की है। इसमें वन विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है। योजना में नदी के आसपास पौधरोपण का काम भी शामिल है, ताकि मिट्टी का कटाव रोक जा सके।
इनका कहना है
नदी पुनर्जीवन के तहत शासन स्तर से कुनुक नदी का चयन किया गया है। इसके लिए अभी तक 5527 कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं, जबकि 76 कार्य शुरू भी हो चुके हैं। वर्तमान में इसकी अनुमानित लागत 122 करोड़ है। इसमें खर्च की कोई लिमिट नहीं है। खर्च बढ़ भी सकता है।
राहुल सक्सेना, पीओ मनरेगा