कटाये घाट का बैराज लबालब, अब भर रहे खदानें
कटनी कटाये घाट का बैराज लबालब, अब भर रहे खदानें
डिजिटल डेस्क, कटनी। इस सप्ताह हुई लगातार तीन दिन की बारिश ने नगर निगम को फिलहाल यह राहत तो मिली कि कटनी नदी के कटाएघाट में बना नया बैराज लबालब हो गया। अब नदी से खदानों को भरने का काम किया जा रहा है ताकि संकट के समय पेयजल आपूर्ति की जा सके। अभी तो जल संकट टल गया लेकिन जिस तरह से फिर बारिश का दौर थमा है, उससे नवम्बर-दिसम्बर से ही शहर को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। ज्ञात हो कि 14 अगस्त से 16 अगस्त तक जिले में 114 मिमी औसत बारिश होने से कटनी का प्रवाह बढ़ा, जिससे बैराज भर गया। नई परिषद के सामने सबसे बड़ी चुनौती शहर की पेयजल आपूर्ति है। क्योंकि सावन-भादों में भी एक दिन के अंतर से पेयजल सप्लाई किया जा रहा है। पेयजल के लिए नगरनिगम के पास कटनी नदी के बैराज, तीन खदानें और ट्यूबवेल ही विकल्प हैं।
दिसम्बर-जनवरी तक कटनी नदी में प्रवाह बंद हो जाता है, जिससे बैराज में फरवरी-मार्च से पानी कम होने लगता है। नगर निगम द्वारा एक और बैराज निर्माण व वर्तमान बैराज की ऊंचाई बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। नगर निगम के उपयंत्री मृदुल श्रीवास्तव के अनुसार शुक्रवार को बैराज केवल 6 इंच खाली था। नदी के ऊपरी क्षेत्र से पानी की आवक जारी है। अब पाइप लाइन से विश्वकर्मा खदान में पानी पहुंचाया जा रहा है। स्टोरेज क्षमता बढ़ाने पर मंथन, इंजीनियरों से चर्चा के बाद होगा निर्णय नई परिषद द्वारा बैराज की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने एवं नए बैराज के निर्माण पर मंथन किया जा रहा है। वर्तमान में नए बैराज की क्षमता 24 फुट है। नए बैराज का निर्माण आठ साल पहले किया गया था। आठ साल में आबादी भी बढ़ी है और नल कनेक्शन भी बढ़े हैं। शहर में 20 हजार से अधिक नल कनेक्शन हैं। करीब दस हजार घरों में बैराज से पानी की आपूर्ति होती है। नवनिर्वाचित महापौर प्रीति सूरी के अनुसार पेयजल संकट उनकी प्राथमिकता में है। बैराज की ऊंचाई बढ़ाने और नया बैराज बनाने नगर निगम के इंजीनियरों से चर्चा की जाएगी।