सिटी बस के नाम पर चला रही अंतरजिला बस, 2 करोड़ की योजना धरातल में नहीं हुई साकार

यात्रियों की जेब हो रही ढीली सिटी बस के नाम पर चला रही अंतरजिला बस, 2 करोड़ की योजना धरातल में नहीं हुई साकार

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-21 07:23 GMT
सिटी बस के नाम पर चला रही अंतरजिला बस, 2 करोड़ की योजना धरातल में नहीं हुई साकार

डिजिटल डेस्क,कटनी। शहर के अंदर रियायत दर पर लोगों को आवागमन की सुविधा मुहैया उपलब्ध कराने के लिए तो 12 वर्ष पहले जिम्मेदारों ने सिटी बस चलाने का जरुर सपना दिखाया था, लेकिन इसके नाम पर अंतरजिला बस चलाकर नगर निगम पिछले छह माह से वाह-वाही लूट रहा है। दरअसल वर्ष 2010 में सिटी बस के संचालन के लिए दीनदयाल कटनी बस सर्विसेस लिमिटेड के नाम से एक शाखा का गठन किया गया। इसके बावजूद कीमती समय पूरा प्रयोग में ही बीत गया। इतने समय के बाद भी जब योजना धरातल पर नहीं उतरी और अफसरों की किरकरी होने लगी तो कटनी से इंदौर बस चलाकर खानापूर्ति कर ली। शहर के अंदर ही 14 किलोमीटर के अंदर इंटरसिटी बस के संचालन की रुपरेखा तैयार की गई थी। निर्धारित रुट पर तो बस चलाने में अफसर पीछे हट गए। उस रुट पर बस चलवा दिए। जिस रुट पर पहले से ही सुविधा रही। जिसके चलते 1 करोड़ 61 लाख की योजना सिसकारी ले रही है। वर्तमान समय में नगर के अंदर भले ही सिटी बस न चल रही हो, लेकिन छह बस स्टाप जरुर बना दिए गए हैं। जिससे तो नगर निगम को फूटी कौड़ी नहीं मिल रही है, जबकि विज्ञापन के माध्यम से एजेंसी की कमाई का मीटर चालू हो गया है।

इस तरह से गुजरा समय-

वर्ष 2010 में बनाई गई थी योजना
14 किमी के दायरे में चलाई जानी थी बस
7 वर्ष तक का समय योजना बनाने में निकला
वर्ष 2017 में संचालन के लिए निकाला टेण्डर
वर्तमान समय में इंदौर के लिए चल रही बस
26 की जगह पर अभी बने 6 स्टाप
पीपी मोड पर होना है बसों का संचालन
सिटी बस नहीं चलने से परेशान हो रहे लोग

शहर के अंदर ये रुट रहे निर्धारित-

बसों के संचालन के लिए दो चरण में प्लान बनाया गया था। जिसमें पहला फोकस शहर के अंदर ही बसों के चलाने का रहा। जिससे की लोगों निर्धारित किराया में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच सकें। इंद्रा नगर, मंडी, कलेक्टर कार्यालय, कटनी से इंदौर, कटनी से बालाघाट, चाका से पिपरौंध, कटनी से कैमोर, कटनी से रीठी, कटनी से बड़वारा, कटनी से बहोरीबंद, कटनी जंक्शन से चाका, बस स्टैंड से निवार, जुहला से एनकेजे और कटनी स्टेशन से पिपरौंध तक बस चलाने का निर्णय तत्कालीन अफसरों ने लिया था। जिसमें से एक ही बस इंदौर के लिए चल रही है।

नए स्टाप से प्राइवेट कंपनी की शुरु हुई कमाई-

सिटी बस चलाने के लिए शहर के अंदर 26 जगहों पर पीपी मोड पर वाहन स्टाप बनाए जाने हैं। जिसमें शहर के अंदर 6 जगहों पर मिशन चौक से लेकर कलेक्ट्रेट तक बस स्टाप बना दिए गए हैं। एक स्टाप से नगर निगम को प्रत्येक माह एक हजार रुपए मिलने हैं। यह रुपए तभी मिलेंगे, जब सभी जगहों पर बस स्टॉप का निर्माण हो जाएगा। वर्तमान समय में सभी स्टाप में विज्ञापन के पोस्टर लगाए गए हैं। जिससे तो ठेका लेने वाली कंपनी को तो आय प्राप्त हो रही है, लेकिन नगर निगम को फूटी कौड़ी नहीं मिल रही है। यह स्थिति अभी आगामी समय में और बनी रहेगी। टेण्डर में ही उलझ कर रह गई थी प्रक्रिया योजना तैयार होने के बाद बसों के संचालन के लिए जब ट्रांसपोर्ट संचालकों को निविदा के माध्यम से आमंत्रित किया गया तो अव्यवस्था को देखते हुए संचालक ही सामने नहीं आए। 1 दिसम्बर 2017 को पहला टेण्डर निकाला गया। इसके बाद वर्ष 2018 में 5, वर्ष 2019 में एक, वर्ष 2020 और 21 में भी टेण्डर निकाले गए। अधिकारियों का कहना है कि आचार संहिता के कारण फिलहाल नई बसों का संचालन रुका है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद फिर से नई बसों का संचालन किया जाएगा।

सीधा आम लोगों पर पड़ रहा असर जेब हो रही ढीली-

अफसरों की लेटलतीफी का असर सीधा आम लोगों पर पड़ रहा है। जिसके चलते ऑटो चालक मनमाना किराया वसूलते हैं। कोरोना संक्रमण काल के पहले जहां कटनी साऊथ से मेन स्टेशन का किराया 20 रुपए रहा। वहीं अब एक यात्री का किराया 30 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह से कटनी साऊथ से भी मुड़वारा स्टेशन तक यात्री से ऑटो संचालक 20 रुपए वसूलते हैं। अहिंसा तिराहा से माधवनगर तक का किराया 20 रुपए है। जबकि कोरोना संक्रमण काल के पहले लोगों को 10 रुपए देना पड़ता था।

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