यही हाल रहा तो गैंगवार तय: निमहा से चितगढ़ तक खनिज चोरों का आतंक
सतना यही हाल रहा तो गैंगवार तय: निमहा से चितगढ़ तक खनिज चोरों का आतंक
डिजिटल डेस्क, सतना। अगर यही हाल रहा तो खनिज संपदा के अंधाधुंध अवैध दोहन में सक्रिय खनिज माफिया के बीच गैंगवार तय है। जिले के सभापुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगभग सवा माह के अंदर यह दूसरी घटना है। निमहा की एक लेटेराइट खदान में ट्रंच वर्क कर रहे जेसीबी के एक ड्राइवर शुभम पांडेय पर एक दर्जन से भी ज्यादा आरोपियों ने हमला कर दिया। ड्राइवर की जमकर पिटाई की गई। उसने भाग कर जान बचाई। तांडव आधे घंटे चला। आरोपियों ने जेसीबी और एक डंपर क्षतिग्रस्त कर दिया । ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने पूर्व सरपंच समेत ४ आरोपियों के खिलाफ नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
अलग-अलग गांव के आरोपी :----
पुलिस ने बताया कि ड्राइवर से मारपीट, गाली गलौज, तोडफ़ोड़ और जान से मारने की धमकी के आरोप में सभापुर थाने में लखनवाह के पूर्व सरपंच रामराज सिंह, सचिन सिंह , पुष्पेन्द्र सिंह(दोनों निवासी करही) और रवि सिंह (बिहरा) समेत अन्य अज्ञात के विरुद्ध आईपीसी की धारा- २९४, ३२३, २०६, ४२७ और ३४ के तहत अपराध कायम किया गया है। दिलचस्प यह है कि स्वयं को निमहा का ग्रामीण बताने वाले आरोपी अलग-अलग गांवों के निवासी निकले। एक भी आरोपी मूलत: निमहा गांव का नहीं है। जेसीबी के ड्राइवर शुभम पांडेय पिता रामाश्रय (२२) निवासी महुआ ( सिंगरौली) ने पुलिस को बताया कि वह लेटराइट की खदान में संचालक के कहने पर ट्रंच बना रहा था। जानकारों का कहना है कि झगड़े की जड़ में उम्दा किस्म का लेटेराइट है। असल में रखौंधा पहाड़ से लगते निमहा, चितगढ़ , करही,लखनवाह ,बिहरा और तिहाई जैसे गांवों में उम्दा किस्म के लेटेराइट की भरमार है। यही वजह है कि इस इलाके में खनिज चोरों का जमघट बना रहता है।
ऐसा पहली बार नहीं : सवा माह में दूसरी घटना :---
सभापुर थाना क्षेत्र में इस किस्म की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले इसी तरह ८ फरवरी को दिनदहाड़े लाठी-डंडों से लैस होकर पहुंचे ७ आरोपियों ने खदान के मुंशी श्याम सूरत द्विवेदी पिता जानकी शरण द्विवेदी निवासी इटवां डुडैला ,थाना मारकुंडी (यूपी) पर कातिलाना हमला कर दिया था। मुंशी के दाएं हाथ और कान में घातक चोटें आई थीं। आरोपी मुंशी से १० हजार की नकदी भी लूट ले गए थे।
पुलिस ने तब सीआरपीसी की धारा-१५५ के तहत असंज्ञेय अपराध दर्ज किया था। जानकारों का मानना है कि अगर पुलिस इन घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेती है तो खनिज चोरों के बीच किसी रात बड़े गैंगवार की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
बाहरी सौदागरों की निगरानी भी जरुरी :----
एक तरफ जहां लेटेराइट के अवैध उत्खनन की होड़ में स्थानीय खनिज चोरों के बीच गैंगवार के खतरे बढ़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मझगवां तहसील क्षेत्र के जैतवारा, सभापुर, बिरसिंहपुर और धारकुंडी थाना क्षेत्रों में खनिज के बाहरी सौदागरों का दबदबा भी बढ़ता जा रहा है। इन सौदागरों के एजेंटों में सियासी ठसक है। अगर, इन पर निरंतर निगरानी नहीं बढ़ाई गई तो आने वाले दिनों में हालात और भी बदतर हो सकते हैं। ग्रामीण अंचल में कानून-व्यवस्था संकट में पड़ सकती है।
निजी तो निजी सरकारी जमीनें भी खाए जा रहा है खनिज माफिया:-------
मझगवां इलाके में खनिज के अवैध उत्खनन का आंतक किस कदर है, अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में निजी तो निजी सरकारी भूमियां भी सुरक्षित नहीं हैं। मिसाल के तौर पर जैतवारा के अनुभव अग्रवाल की शिकायत पर तहसीलदार ने जांच में पाया कि कारीगोही की २.०२३ हेक्टेयर के अंश भाग (आराजी नंबर८४०/२) से आरोपी कमलेश साकेत तनय कामता और फूलचंद पयासी तनय गौरीशंकर ने २९७६ घन मीटर खनिज का अवैध उत्खनन कर परिवहन कर लिया। इस क्षेत्र से लगी सरकारी भूमियों का भी ऐसा ही हाल किया गया। तहसीलदार के प्रतिवेदन पर एसडीएम ने दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी है।