मानवता शर्मसार: पेशेंट को भर्ती करने से किया मना, जिम्मेदारों ने कहा- घर ले जाओ
मानवता शर्मसार: पेशेंट को भर्ती करने से किया मना, जिम्मेदारों ने कहा- घर ले जाओ
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मेडिकल कॉलेज में मानवता को शर्मसार कर देने वाले दो मामले सामने आए। एक घटना शुक्रवार देर रात की है, वहीं दूसरी शनिवार दोपहर की। पहले मामले में ग्वारीघाट निवासी 57 वर्षीय राजीव पाठक की तबियत खराब होने पर उनकी पत्नी व बेटी एम्बुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज भर्ती कराने के लिए ले गए। गंभीर स्थिति होने पर पेशेंट की जान भर्ती होने से पहले ही मेडिकल कॉलेज में चली गई। परिजनों ने बताया कि मृतक की कोरोना जाँच नहीं हुई थी, लेकिन साँस लेने में तकलीफ हो रही थी। पिछले कुछ दिनों में बुखार भी आया था। मरीज की डेथ होने के बाद परिजनों ने सोचा कि बॉडी मेडिकल कॉलेज में ही रख दी जाए, जिसका अंतिम संस्कार सुबह चौहानी में हो जाएगा, लेकिन वहाँ मौजूद जिम्मेदारों ने बॉडी को रखने से मना कर दिया और पीपीई किट में पैक कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजन बॉडी को घर लेकर आए, जहाँ अगले दिन शनिवार को स्वयं चौहानी मुक्तिधाम पहुँचे और कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार कराया।
वहीं दूसरे मामले में पाटन रोड करमेता निवासी रमेश कुमार अहिरवार ने बताया कि उनके 30 वर्षीय बेटे पवन कुमार अहिरवार की तबियत 5-6 दिनों से खराब चल रही थी। विक्टोरिया में जाँच कराने पर कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। बेटे को साँस लेने में तकलीफ हो रही थी, लेकिन अस्पताल ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया और यह कहा कि यहाँ बेड खाली नहीं है बेटे को घर ले जाओ। घंटों इंतजार करने के बाद भी मरीज को बिस्तर नहीं मिला।