2020-21 में कंपनियों ने खर्च किए 24,865 करोड़, महाराष्ट्र में व्यय हुए सबसे ज्यादा

सीएसआर 2020-21 में कंपनियों ने खर्च किए 24,865 करोड़, महाराष्ट्र में व्यय हुए सबसे ज्यादा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-05 12:53 GMT
2020-21 में कंपनियों ने खर्च किए 24,865 करोड़, महाराष्ट्र में व्यय हुए सबसे ज्यादा

डिजिटल डेस्क,  नई दिल्ली, अजीत कुमार। वर्ष 2020-21 के दौरान विभिन्न कंपनियों ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत 24,865 करोड़ रूपये खर्च किए हैं। यह राशि इसी मद में वर्ष 2019-20 में खर्च हुए 24,891 करोड़ से 26 करोड़ रूपये कम है। राज्यवार आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2020-21 के दौरान इसके तहत सबसे ज्यादा 3,307 करोड़ रूपये की राशि महाराष्ट्र में व्यय हुई है। कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान सीएसआर के तहत 17,007 कंपनियों ने कुल 24,865 करोड़ की राशि 39 राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों में खर्च की है। इसके तहत 36,865 सीएसआर परियोजनाओं का संचालन हो रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न कंपनियों ने महाराष्ट्र में वर्ष 2020-21 के दौरान सीएसआर के तहत 3,307 करोड़ खर्च किए तो वर्ष 2019-20 में यह राशि 3,336 करोड़ रूपये रही। प्रदेश में इसी मद में वर्ष 2018-19 में 3,144 करोड़ और वर्ष 2017-18 में 2,797 करोड़ खर्च हुए। 

लक्षद्वीप में हुआ सबसे कम खर्च 

सीएसआर के तहत खर्च के मामले में महाराष्ट्र के बाद गुजरात (1397) दूसरे और कर्नाटक (1,205 करोड़) तीसरे क्रमांक पर हैं। मध्यप्रदेश में इस कोष के तहत 344 करोड़ व्यय हुए तो बिहार में सिर्फ 78 करोड़ रूपये। इस मद में सबसे कम राशि लक्षद्वीप (0.01 करोड़) के हिस्से में आई है। 

टॉप 5 राज्य जहां खर्च हुई ज्यादा राशि   

महाराष्ट्र  - 3,307 करोड़
गुजरात  -  1,397 करोड़  
कर्नाटक -  1,205 करोड़
तमिलनाडु - 1,082 करोड़
उत्तरप्रदेश -   827 करोड़

तिजोरी खोलने में रिलायंस-टीसीएस रहे आगे 

वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान सीएसआर के तहत राशि खर्च करने में रिलायंस इडस्ट्रीज टॉप पर है। रिलायंस ने सीएसआर के तहत 922 करोड़ रूपये खर्च किए हैं। इसके बाद टीसीएस का नंबर है, जिसने 674 करोड़ खर्च किए हैं। सीएसआर के तहत खर्च करने वाली देश की टॉप 10 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, टाटा संस, एचडीएफसी बैंक, ऑयल एंड नेचुरल गैस आयोग, इंडियन ऑयल, एनटीपीसी, इंफोसिस, आईटीसी और विप्रो शामिल हैं।

क्या है सीएसआर

सीएसआर एक फंडिंग और ग्रांट प्रक्रिया है, जिसके तहत एनजीओ कॉरपोरेट सेक्टर से वित्तीय और अन्य सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कंपनियों के औसत शुद्ध लाभ में 2 प्रतिशत का योगदान देना एक अनिवार्य प्रावधान है। जिन कंपनियों का सालाना नेटवर्थ 500 करोड़ या सालाना टर्नओवर 1,000 करोड़ या सालाना शुद्ध लाभ 5 करोड़ से अधिक हो तो उन्हें सीएसआर पर खर्च करना जरूरी होता है। कंपनी अधिनियम भारतीय कंपनियों के साथ विदेशी कंपनियों पर पर भी लागू होता है। 

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