नियम विरुद्ध पटवारी भर्ती पर हाईकोर्ट नेपीएस राजस्व को कार्यवाही के दिए आदेश
फार्म भरने की अंतिम तिथि निकलने के बाद का लगाया था कम्प्यूटर सर्टिफिकेट, जिले के दस पटवारियों की दांव पर नौकरी नियम विरुद्ध पटवारी भर्ती पर हाईकोर्ट नेपीएस राजस्व को कार्यवाही के दिए आदेश
डिजिटल डेस्क कटनी । हाइकोर्ट के फैसले के बाद जिले के 10 पटवारियों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। संजय दत्त दुबे और कृष्णा कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका से सहमत होते हुए जस्टिस विशाल धगत ने इस संबंध में राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला वर्ष 2007-2008 में पटवारी भर्ती का है। पटवारी भर्ती के लिए फार्म भरने की अंतिम तिथि 7 जुलाई 2008 रही और इसके पहले का ही कम्प्यूटर डिप्लोमा लगाया जाना था, लेकिन दस आवेदकों ने इसके बाद अलग-अलग विश्वविद्यालय के द्वारा जारी डिप्लोमा लगाया था। जिसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर संजय दत्त दुबे ने कलेक्टर से की थी। यहां से कार्यवाही नहीं होने पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में इन्होंने दायर याचिका की थी। जिसके बाद यह फैसला सिंगल बेंच ने सुनाया।
पूरे मामले पर एक नजर
संक्षेप में मामला इस प्रकार है, यहां पर 10 आवेदक ऐसे रहे। जिन्होंने परीक्षा फार्म भरने के बाद जारी डिप्लोमा लगाया था। राकेश कुमार गुप्ता, दिग्विजय सिंह राजपूत, ज्योति निगम, अनुज जायसवाल, महेन्द्र कुमार मिश्रा ने पीजी की डीग्री सीवी विश्वविद्यालय से 17 अक्टूबर 2008 को प्राप्त की थी। इसी तरह से दीप कुमार पांडे, सुमिता श्रीवास्तव, शिप्रा तिवारी, वषा्र असाअी ओर ज्योति परौहा ने भी बाद में जारी डिप्लोमा लगाते हुए नौकरी पाई थी। दीप कुमार पांडे ने ग्लोबल विश्वविद्यालय नागालैंड का डिप्लोमा (2.9.2008) लगाया था। जबकि चार अन्य लोगों ने 8 सितम्बर 2008 को जारी डिप्लोमा के आधार पर नौकरी पाई थी।
कलेक्टर ने किया था बहाल
पीडि़त इस मामले को कलेक्टर के पास भी लेकर गए थे। जिसके बाद कलेक्टर ने जांच टीम का गठन किया। जांच टीम ने भी बाद का मार्कशीट पाया था। इसमें पंद्रह दिन का समय देते हुए संबंधित पटवारियों को जवाब देने को कहा गया था। चयनित पटवारियों द्वारा यह आपत्ति जताई गई थी कि इसमें पांच पटवारी और हैं। जिन्हें नोटिस नहीं दिया गया है। इसके बाद अन्य पांच पटारियों को भी नोटिस जारी किया गया था। बाद में तत्कालीन कलेक्टर ने इन्हें बहाल कर दिया था। जिसकी शिकायत संभागीय अधिकारी सहित भोपाल के अधिकारियों से की गई थी।
इधर तीन माह बाद भी मेहरबानी
हाइकोर्ट ने जहां नियम विरुद्ध पटवारियों पर कार्यवाही करने के आदेश राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को दिए हैं। वहीं कुछ पटवारियों के स्थानांतरण पर प्रभारी मंत्री के ऊपर अफसर भारी पड़ रहे हैं। प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर कलेक्टर ने 7, 22 और 31 अगस्त को पटवारियों का स्थानांतरण किया था। इसमें से 6 पटवारी ऐसे रहे। जिन्होंने स्थानांतरण निरस्त करा लिया था, लेकिन दो पटवारी ऐसे रहे। जिनकी पहुंच प्रशासनिक स्थानांतरण पर भी भारी पड़ गई। स्लीमनाबाद तहसील में पदस्थ पटवारी राजेश को विजयराघवगढ़ तहसील भेजा गया था। इसी तरह से स्लीमनाबाद तहसील में पदस्थ पटवारी मोहम्मद नाजिर का प्रशासनिक स्थानांतरण बड़वारा तहसील हुआ था। तीन माह बाद भी पटवारियों का मोह पुराने स्थान से नहीं छूट रहा है। तहसील कार्यालय के अफसर भी इन पर मेहरबान है।
इनका कहना है
हाईकोर्ट के फैसले की जानकारी है। जिसमें 10 पटवारियों के बारे में फैसला हुआ है। विभाग को कार्यवाही करनी है। उच्चाधिकारियों के जैसे निर्देश मिलेंगे। उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
-मायराम कोल, एसएलआर