स्कूल में तो किताबी ज्ञान मिला, पिता ने व्यवसायिक ज्ञान देकर आगे बढ़ाया
Fathers Day स्कूल में तो किताबी ज्ञान मिला, पिता ने व्यवसायिक ज्ञान देकर आगे बढ़ाया
डिजिटल डेस्क, भंडारा। 13 वर्ष की आयु में पिता ने मुझे और मेरे दो भाइयों मोहसिन व आदिल को व्यवसायिक गुर सिखाने शुरू किए। शुरुवात में किराना दुकान में आने वाले व्यापारियों के साथ पिता की चर्चा देखते थे। गौर से सभी व्यवसायिक बातों को सुनते थे। पिता ने शुरू से हमें आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया। शाला में केवल किताबी ज्ञान मिला पर पिता ने हमें जीवन में आगे बढ़ाने व्यवसायिक ज्ञान दिया। फादर्स डे पर यह कहना है शहर के सफल युवा उद्योपति 28 वर्ष के वसीम इद्रीस आकबानी का। वसीम बताते है कि 15 साल से भी कम उम्र में वह किराना दुकान के कामगारों के साथ आर्थिक व्यवहार सीख गए थे। इसलिए पिता ने उन्हें सभी व्यवसायों के बैंकिंग व्यवहार संभालने की जिम्मेदारी दी। जबकि उनसे छोटे भाई मोहसिन को राईस मिल और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का जिम्मा सौंपा। सबसे छोटा भाई आदिल पिता के साथ सुपर बाजार संभालता है। पिता शुरुवात से तीनों भाइयों को आत्म निर्भर बनाने पर जोर दे रहे थे। इसलिए स्वयं के व्यवसायों में आगे बढ़े। वसीम ने कहा कि गत 15 वर्षों से व्यवसाय में है। उनकी व भाईयों की सफलता का पूरा श्रेय पिता को जाता है।