ग्रीन एनर्जी : सौर ऊर्जा के उत्पादन में क्षेत्र का ३० प्रतिशत योगदान
सतना ग्रीन एनर्जी : सौर ऊर्जा के उत्पादन में क्षेत्र का ३० प्रतिशत योगदान
डिजिटल डेस्क, सतना। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के उत्पादन (ग्रीन एनर्जी) के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में १२ वर्षों में 32 गुना प्रगति हुई है। वर्ष 2010 में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग का गठन किया गया था। उल्लेखनीय है, प्रदेश में वर्तमान समय में 2 हजार 490 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें से अकेले रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना गुढ़ की उत्पादन क्षमता 750 मेगावॉट है। इस परियोजना से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन को गति मिल रही है।
किसका कितना उत्पादन :———-
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वर्ष २०१० में नवकरणीय ऊर्जा की उत्पादन शक्ति जहां १६० मेगावॉट थी, वहीं यही क्षमता 5 हजार 152 मेगावॉट से ज्यादा हो चुकी है। इसमें 2 हजार 444 मेगावॉट पवन ऊर्जा, 2 हजार 490 मेगावॉट सौर ऊर्जा, 119 मेगावॉट बायोमास ऊर्जा और 99 मेगावॉट लघु जल विद्युत परियोजना का योगदान शामिल है। उल्लेखनीय है परंपरागत ऊर्जा उत्पादन से कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौतियों के साथ कोयला भंडारों के समाप्त होने का भी खतरा है। सूर्य एवं पवन ऊर्जा ऐसे भंडार हैं, जिनका कितना भी दोहन किया जाए, कभी खत्म नहीं होंगे और इनसे मिलने वाली ऊर्जा भी स्वच्छ है।