को-ऑपरेटिव सोसायटी खोलकर लाखों रुपये ले गए उड़े ठग
को-ऑपरेटिव सोसायटी खोलकर लाखों रुपये ले गए उड़े ठग
डिजिटल डेस्क, कटनी। शहर में लोगों के साथ ठगी के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। माधवनगर थाना क्षेत्र में नेवी में भर्ती के नाम पर युवकों के साथ ठगी होने की घटना जून माह में सामने आई थी। अब लोगों के पैसे बैंक में जमा कराने व लाभ दिलाने का झांसा देकर ठगों ने लाखों रुपए की चपत लगा दिया। खास बात यह है कि लोगों को चूना लगाने वाली ठगी की दुकान यानी को-ऑपरेटिव सोसायटी आईसीआईसी बैंक के सामने संचालित हो रही थी।
लगाई मदद की गुहार
जिस बिल्डिंग में ठगी की दुकान चल रही थी वहां ताला लटका हुआ देखकर एजेंटों के होश उड़ गए और उन्होंने लखनऊ मेन ब्रांच जाकर रुपए मांगे लेकिन वहां से उन्हें बैरंग लौटा दिया गया। इसके बाद उक्त एजेंटों ने माधवनगर पहुंचकर अपने साथ ही ठगी की दास्तान सुनाई। पुलिस अधीक्षक को भी मामले की शिकायत सौंपी गई है जिसमें बताया गया है कि आरोपियों ने झांसा देकर लाखों रुपयों का चूना लगाया है। ताला लगाकर चंपत पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि संस्था की मेन ब्रांच लखनऊ में है, जिसका डायरेक्टर गणेश पाठक नाम का व्यक्ति है। उपभोक्ताओं की राशि शैलेंद्र पाठक, विवेक पाठक, उदयभान चौबे व सोमचंद प्रजापति अपने खातों में जमा कराते थे। समय गुजरने के साथ ही जब संस्था के मातहतों की भूमिका संदिग्ध लगी तो एजेंटों ने अपने-अपने माध्यम से जमा कराई गई राशि वापस मांगना शुरू किया। पीड़ितों की मानें तो पहले तो संस्था के पदाधिकारी आज, कल में देने का वायदा करते रहे और उसके बाद रातों रात ताला लगाकर चंपत हो गए।
बरगवां में दुकान
बुधवार को विश्वनाथ पाल निवासी गुलवारा, नसीब खान निवासी मिशन चौक, उमाशंकर विश्वकर्मा निवासी संजय नगर व ऋषि गौतम निवासी देवरीटोला ने माधवनगर थाने पहुंचकर बताया कि बरगवां में संचालित स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायिटी में उनके द्वारा अपने और अपने माध्यम से उपभोक्ताओं के पैसे जमा कराए थे जो संस्था द्वारा वापस नहीं लौटाए जा रहे हैं।
कमीशन का लालच
बरगवां स्थित लाल बिल्डिंग में वर्ष 2016 से सोसायिटी प्रारंभ हुई थी जिसमें उक्त युवकों के अलावा कुछ अन्य युवकों से पहले रुपए जमा कराते हुए खाते खुलवाए गए और फिर उन्हें एजेंट नियुक्त कर दिया गया। पुलिस के समक्ष ठगी की दास्तान सुनाने गए एजेंटों ने बताया कि उनके द्वारा उपभोक्ताओं से क्रमश: 6 लाख, 80 हजार, 8 लाख, डेढ़ लाख रुपए जमा कराए थे। उपभोक्ताओं आरडी, एफडी के रूप में राशि जमा कराने पर संस्था द्वारा 3 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था।
इनका कहना है
मामले को संज्ञान में लेकर उपभोक्ताओं से रुपए जमा कराने के बाद उनके साथ ठगी करने वाले आरोपियों की पतासाजी की जाएगी और उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई होगी।
- ललित शाक्यवार, एसपी