आठ साल में शिक्षा उपकर में वसूले पांच करोड़, फिर भी शहर के स्कूलों की सूरत नहीं सुधार पाया निगम
छिंदवाड़ा आठ साल में शिक्षा उपकर में वसूले पांच करोड़, फिर भी शहर के स्कूलों की सूरत नहीं सुधार पाया निगम
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। नगर निगम ने शहर की जनता से शिक्षा उपकर के नाम पर पिछले 8 साल में 4 करोड़ 91 लाख की वसूली कर डाली। लेकिन शहर के स्कूलों की सूरत बता रही है कि निगम ने स्कूलों के लिए वसूले गए करोड़ों रुपए इमानदारी से खर्च नहीं किए। जर्जर स्कूल और असुविधाओं के बीच बच्चे इन स्कूलों में पढने के लिए मजबूर है। कहीं खेल मैदान ही नहीं है तो कही ये हालात है कि बच्चों को बारिश में टपकती छतों के बीच अध्यापन करना पड़ रहा है।
संपत्तिकर के साथ ही नगर निगम हर साल शिक्षा उपकर के रूप में बड़ी राशि शहर की जनता से वसूल करता है। इस राशि से नगर निगम क्षेत्र में संचालित स्कूलों का जीर्णोद्धार किया जाना है। लेकिन शहर के बीचोबीच बने स्कूलों में ही स्थिति ये हैं कि बच्चों को पर्याप्त सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है। जर्जर हो चुके भवन में अच्छे शौचालय तक बच्चों को नसीब नहीं हो रहे हैं।
प्रॉपर्टी टैक्स के साथ ही जनता से वसूला जाता है 1 फीसदी कर
प्रॉपर्टी टैक्स के साथ ही शिक्षा उपकर के रूप में शहर की जनता से एक फीसदी शिक्षा उपकर वसूला जाता है। हर साल निगम संपत्तिकर के साथ ही ये राशि वसूल करता है। 2014 में निगम गठन के आठ सालोंं के भीतर अब तक 4 करोड़ 91 लाख 27 हजार 912 रुपए की राशि वसूल चुका है।
कब कितना वसूला शिक्षा उपकर
साल राशि
2014-15 25 लाख 18 हजार 20
2015-16 59 लाख 40 हजार 650
2016-17 62 लाख 59 हजार 526
2017-18 75 लाख 80 हजार 876
2018-19 75 लाख 4 हजार 625
2019-20 77 लाख 14 हजार 932
2020-21 42 लाख 38 हजार 935
2021-22 74 लाख 70 हजार 348
इनका कहना है जल्द ही समीक्षा की जाएगी। ऐसे स्कूलों को चिन्हित किया जाएगा जहां सुविधाओं की कमी है। उन स्कूलों में शिक्षा उपकर की राशि खर्च की जाएगी।