अवैध कॉलोनी बनाने वालों पर पहले होगी एफआईआर फिर कॉलोनी होगी वैध
अवैध कॉलोनी बनाने वालों पर पहले होगी एफआईआर फिर कॉलोनी होगी वैध
डिजिटल डेस्क जबलपुर। अवैध कॉलोनियों को वैध करके रहवासियों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार तैयारी तो लम्बे समय से कर रही है लेकिन उसमें सफलता नहीं मिल पा रही है। हालाँकि अब इसमें कुछ तेजी आई है। कहा जा रहा है कि अवैध कॉलोनी बनाने वाले कॉलोनाइजर पर पहले एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और उसके बाद कॉलोनियों को वैध किया जाएगा, ताकि वहाँ रहने वालों को उनके मकानों का मालिकाना हक प्राप्त हो सके। शहर में कुल 196 अवैध कॉलोनियाँ हैं और उनमें से कुछ के कॉलोनाइजर पर पहले ही एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
बताया जाता है कि प्रदेश में कुल करीब साढ़े 6 हजार अवैध कॉलोनियाँ हैं और उनमें से 3200 तो ऐसी हैं, जो सरकारी या खेती की जमीनों पर बिना डायवर्सन के बनी हैं। इन कॉलोनियों में लोगों को न तो सीवर लाइन दी गई है, न सड़क है और न ही नाली या बिजली के पोल हैं। ऐसे में वहाँ रहने वाले नरकीय यातनाएँ भोग रहे हैं और अवैध कॉलोनी का दंश भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहा। कैबिनेट ने मप्र नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक को कुछ दिनों पहले ही मंजूरी दी है और इसके बिल को अध्यादेश से लागू किया जाएगा। हालाँकि यह करने के पहले सरकार को न्यायालय के आदेश पर अवैध कॉलोनी बनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करनी होगी।
अफसरों पर भी होगी कार्रवाई-
बताया जाता है कि अवैध कॉलोनी बनाने वालों पर तो एफआईआर दर्ज कराई ही जाएगी, साथ ही उस दौरान जिम्मेदार पदों पर रहे अधिकारियों को भी छोड़ा नहीं जाएगा। इसके लिए विधिक सलाह ली जा रही है और अफसरों पर क्या कार्रवाई हो सकती है, इस पर भी मंथन किया जा रहा है।
6 कॉलोनाइजर पर हो चुकी है एफआईआर-
नगर निगम सीमा के अंतर्गत कुल 196 अवैध कॉलोनियाँ हैं और इनको वैध करने का अभियान पूर्व में चल चुका है। इसी के तहत करीब 6 कालोनाइजर पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन उसके बाद न्यायालय ने अवैध कॉलोनियों के प्रकरण में रोक लगा दी थी जिससे कार्रवाई रुक गई। अब एक बार फिर प्रक्रिया शुरू हुई है जिससे उम्मीद जागी है कि अवैध कॉलोनियों में रहने वाले जल्द ही अपने मकानों को वैध होता देख सकेंगे।