फॉयर सेफ्टी ,मकान 50 हजार से एक लाख तक हो जाएगा महंगा
फॉयर सेफ्टी ,मकान 50 हजार से एक लाख तक हो जाएगा महंगा
डिजिटल डेस्क, कटनी। 140 वर्ग मीटर से बड़े प्लाटों पर बनने वाले मकानों और मल्टीलेवल इमारतों में फायर सेफ्टी के साथ वॉटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता से बिल्डरों की धड़कनें बढ़ गई हैं। वहीं इसका सीधा असर उन लोगों की जेब पर पड़ेगा जो नया मकान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। फायर एंड सेफ्टी सिस्टम लगाने में प्रत्येक फ्लेट की कीमत 50 हजार एवं स्वतंत्र मकान की कीमत एक लाख रुपये तक बढ़ जाएगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश नगरीय निकायों को दिए हैं। इस नवीन शर्त से शहर में करीब पांच जगहों पर निर्माणाधीन भवनों में इसका असर पड़ेगा। झिंझरी स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाली कॉलोनी में भी फायर सेफ्टी के इंतजाम करने पड़ेंगे। जिसके बाद ही यहां पर किसी को मकान का पजेशन मिल सकता है। प्रत्येक भवन में वॉटर हार्वेस्टिंग तो पहले से ही अनिवार्य रहा। अब इसमें फायर उपकरण की अन्य शर्त जोड़ दी गई है। निकाय की होगी जिम्मेदारी क्षेत्रों में इस मापदंड के पालन कराने की जिम्मेदारी नगर निगम आयुक्त की होगी। जब तक फायर सेफ्टी और वॉटर हार्वेस्टिंग का भौतिक सत्यापन अधिकारी नहीं करेंगे, तब तक प्रोजेक्ट को पूर्णता का प्रमाण पत्र नहीं मिल सकेगा। इस स्थिति में यहां पर जो मकान बुक करा लिए हैं। उन्हें पजेशन नहीं मिलेगा। यह प्रमाणपत्र अधिकारी क्षेत्र में देखने के बाद ही जारी करेंगे।
यहां पर चल रहा काम
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एनकेजे क्षेत्र में जिला प्रशिक्षण संस्थान और झिंझरी में कॉलोनी बनाने का काम किया जा रहा है। आवास के लिए प्रचार भी शुरु कर दिया गया है। यहां पर यह काम बिल्डर्स द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत पहले उसे फॉयर सेफ्टी का काम पूरा करना होगा। इसके साथ महावीर कॉलोनी में भी दो बड़े प्रोजेक्टों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। यहां पर भी दोनों जरुरी चीजों को पूरा करना होगा। इसके बाद ही यहां पर खरीदार को मकान का पजेशन मिल सकेगा।
डेढ़ हजार ने ली अनुज्ञा, सौ ने भी नहीं बनाए वाटर हार्वेस्टिंग
सभी भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग की योजना फ्लाप होकर रह गई है। दरअसल जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने इससे आंख ही बंद कर ली। नगर निगम कटनी का वह आंकड़ा ही बता रहा है कि मकान मालिकों ने घर में किस तरह से वॉटर हार्वेस्टिंग लगाया है। पिछले 11 वर्ष में नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा से करीब 1428 लोगों ने भवन बनाने की विधिवत रुप से अनुमति ली। वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए 42 लाख रुपए के आसपास की राशि भी अमानत के तौर पर नगर निगम में जमा कराई। इसके बावजूद यह सिस्टम शहर के सौ भवनों में भी नहीं लगा है। नियम के अनुसार जो अपने भवन में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा लेता है। उसे वह राशि जमा कर दी जाती है। ग्यारह वर्ष के अंतराल में साठ से सत्तर लोग ही अमानत राशि वापस करने के लिए आवेदन दिया।
इनका कहना है
शहर में चल रहे प्रोजेक्ट में नगरीय प्रशासन के आदेश का पालन सख्ती से कराया जाएगा। वॉटर हार्वेस्टिंग तो पहले से जरुरी रहा, अब फॉयर सेफ्टी का भी पालन चिन्हित जगहों में कराया जाएगा। - एच.के.त्रिपाठी, भवन अनुज्ञा अधिकारी