ओपीएम के पल्प मील में भड़की आग ,घंटों बाद पाया काबू
ओपीएम के पल्प मील में भड़की आग ,घंटों बाद पाया काबू
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले के अमलाई स्थित एशिया के दूसरे सबसे बड़े ओरिएंट पेपर मिल के पल्प विभाग में आग भड़क उठी। आग लगने की यह घटना बुधवार की दोपहर को हुई। हालांकि घटना में जनहानि नहीं हुई, लेकिन आग बुझाने में फायर बिग्रेड को कई घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। जानकारी के अनुसार आग लगने की घटना पेपर मिल के पल्प मील एरिया में हुई। जहां रॉ मैटेरियल तैयार किया जाता है। आग लगने की जानकारी मिलते ही फायर बिग्रेड पहुंचा और भारी मशक्कत के बाद काबू पाया गया। गौरतलब है कि मेंटिनेंस कार्य के लिए मील में दो महीने के लिए शट डाउन रहता है। इसलिए मिल में कार्य बंद था। काम चालू होता और कर्मचारी मौजूद रहते तो बड़ा हादसा हो सकता था। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
इनका कहना है
पल्प मील में आग लगी, कैसे लगी इसका पता लगाया जा रहा है। शट डाउन चल रहा है, इसलिए विद्युत से संभव नहीं है। घटना मामूली थी, किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।
- संजय सिंह, मैनेजर ओपीएम
समयसीमा में नहीं मिली सेवा, दो को नोटिस
कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लोगों को लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित समयसीमा में राजस्व विभाग की सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। अधिकारियों के बार-बार निर्देशित करने के बाद कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। लापरवाही पर कलेक्टर ने दो राजस्व निरीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। तहसील गोहपारू के खन्नौधी वृत्त के राजस्व निरीक्षक इंद्रजीत ङ्क्षसह एवं वृत्त चुहिरी के आरआई वीरेंद्र महोबिया को 28 मई को नोटिस जारी किया गया है। एसडीएम सोहागपुर एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 22 मई को पत्र भेजकर अवगत कराया था कि मप्र लोकसेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित सेवा सीमांकन के लिए 30 दिवस निर्धारित हैं, लेकिन आरआई द्वारा प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराने के कारण सेवा का लाभ समय सीमा प्रदाय नहीं किया जा सका। तहसीलदार गोहपारू के बार-बार कहने के बाद भी समय सीमा में कार्य नहीं किया गया। प्रथम अपीलीय अधिकारी ने दोनों के खिलाफ मप्र सिविल सेवा नियम और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की है। कलेक्टर शेखर वर्मा की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों को नहीं मानना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। दोनों को एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है। ऐसा नहीं होने पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।