कॉलेज संचालक की शिकायत पर थानेदार पर एफआईआर, हनी ट्रैप में फंसाने का असफल षड़यंत्र
हाईप्रोफाइल मामला कॉलेज संचालक की शिकायत पर थानेदार पर एफआईआर, हनी ट्रैप में फंसाने का असफल षड़यंत्र
डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर के निजी फायर कॉलेज संचालक को हनी ट्रैप में फंसाने के षड़यंत्र के आरोप में पिंपरी चिंचवड़ के थानेदार रवींद्र जाधव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। पुणे न्यायालय के आदेश पर जाधव के विरोध में एट्रॉसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। 3 दिन पहले दर्ज यह प्रकरण संभवत: राज्य का पहला प्रकरण है जिसमें थानेदार स्तर के अधिकारी पर एट्रॉसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। व्यावसायिक स्पर्धा का यह हाईप्रोफाइल मामला है। पुलिस अधिकारी जाधव को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
क्या है मामला
शिकायतकर्ता सुशांतकुमार, रेशमबाग, नागपुर निवासी हैं। वे फायर इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालक हैं। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश सहित विविध राज्यों में उनकी संस्था की शाखाएं हैं। सुशांत का उनके मित्र डॉ. वैभव लांडे के साथ विवाद हुआ। महिला को लेकर हुए विवाद के बाद डॉ. लांडे ने सुशांत को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। आरोप है कि, डॉ. लांडे ने पिंपरी चिचवड़ के तत्कालीन थानेदार जाधव के साथ मिलकर सुशांतकुमार को हनी ट्रैप में फंसाने का षड़यंत्र रचा। सुशांतकुमार को यह कहकर थाने में बुलवाया गया कि, उन्होंने एक उड़ानपुल पर महिला के साथ अशोभनीय व्यवहार किया। वह महिला डॉ. लांडे की रिश्तेदार थी। सुशांतकुमार कार्यालयीन महिला सहयोगी के साथ 16 अक्टूबर 2020 को पिंपरी चिंचवड थाने में पहुंचे, तब थानेदार ने सुशांत व उनकी सहयोगी के साथ असभ्य व्यवहार किया। सुशांत को महिला से छेड़छाड़ के आरोप से बचने के लिए 2 लाख रुपए की व्यवस्था तत्काल करने को कहा। उनकी महिला सहयोगी से भी अशोभनीय व्यवहार किया। महिला सहयोगी ने विरोध किया, तो उनके विरुद्ध छेड़छाड़ और सरकारी काम में बाधा डालने के प्रकरण दर्ज कर दिए।
जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा
सुशांतकुमार ने पिंपरी चिंचवड़ के तत्कालीन थानेदार जाधव के विरुद्ध वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शिकायत दी। पिंपरी चिंचवड़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कृष्ण प्रकाश ने प्रकरण की जांच करवाई। जाधव ने दर्ज किया प्रकरण पूरी तरह से फर्जी पाया गया। लिहाजा, नवंबर 2020 को जाधव सहित 6 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया, लेकिन जाधव व अन्य कर्मियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। इस प्रकरण को लेकर सुशांतकुमार ने पुणे जिला न्यायालय में केस दायर कराया। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई कर जाधव के विरुद्ध एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर एसीपी स्तर के अधिकारी से जांच कराने के आदेए दिए।