8 करोड़ के धान घोटोले में एफआईआर, दो राइस मिल संचालक पर मामला दर्ज

कटनी 8 करोड़ के धान घोटोले में एफआईआर, दो राइस मिल संचालक पर मामला दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-07 05:39 GMT
8 करोड़ के धान घोटोले में एफआईआर, दो राइस मिल संचालक पर मामला दर्ज

 डिजिटल डेस्क  कटनी कागजों में 8 करोड़ रुपए की धान खरीदने के मामले में रविवार को दो संचालकों के विरुद्ध शहर के दो थानों में एफआईआर दर्ज की गई।   माधवनगर थानें में पहली एफआईआर दर्ज की गई। शाम सात बजे नॉगरिक आपूर्ति निगम कटनी के प्रबंधक मधुर खुर्द एक कर्मचारी के साथ यहां पहुंचे। गुरुनानक इंडस्ट्रीज के संचालक अनिल असरानी के विरुद्ध पुलिस ने धारा 407 के तहत अमानत में ख्यानत का मामला दर्ज किया है। गुरनानक इंडस्ट्रीज ने अलग-अलग खरीदी केन्द्रों से 1 करोड़ 76 लाख 34 हजार 600 रुपए का धान मिलिंग के लिए उठाया था। शुक्रवार को भौतिक सत्यापन में 1 करोड़ 47 लाख 11 का धान मिल परिसर में नहीं मिला था। दूसरी एफआईआर कुठला थाने में सुमन सत्यानारायण के संचालक के विरुद्ध दर्ज हुई। तीसरी एफआईआर रोहरा इंडस्ट्रीज के विरुद्ध होनी है। जिसकी कार्यवाही माधवनगर थाने में की जा रही थी।
इन पर भी तय की गई है जिम्मेदारी
जिस तरह से चार दिन के अंदर टीम ने एफआईआर दर्ज कराई है, उसके बाद अन्य पर भी कार्यवाही तय है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया था। जिसके बाद प्रशासन ने जांच टीम बनाई थी।  जांच के संदेह में जयश्रीकृष्ण इंडस्ट्रीज, प्रगति राइस मिल, रोहरा इंडस्ट्रीज, सियाराम इंडस्ट्रीज, सुमन सत्य नारायण, वरुण इंडस्ट्रीज शामिल है। इसके साथ उबरा समिति, पिपरियाकला, धरवारा, बचैया, हदरहटा, सिंगोड़ी, हथियागढ़, सिहुड़ी, बगैहा, सलैया कोठारी, विजयराघवगढ़, करेला, नन्हवारा, अमेहटा, बरही और बड़वारा समिति भी जांच के दायरे में है।
 यूपी से मंगा रहे चावल
मामला सामने आने पर राइस मिलर्स और समितियों ने एक खेल और शुरु कर दिया है। जिसमें बताया जा रहा है कि एकाएक मिलर्स यूपी से धान और चावल मंगाने का काम शुरु कर दिए हैं, ताकि विभागीय अधिकारियों को गुमराह किया जा सके। इस खेल में साजिशकर्ताओं ने तो यहां तक योजना तैयार कर ली है कि आगामी समय में वे अफसरों को यह बताएंगे कि उनके मिलों में तकनीकी खराबी आ गईथी। जिसके चलते मिल के लिए वे अन्य संचालकों का सहारा लिए।
अंडरग्राऊंड हुए माफिया 
सरकार की सख्ती के बाद प्रशासन अफसरों की कार्यवाही के बाद धान घोटाले के सरगना अंडरग्राऊंड हो गए हैं। शनिवार को जिस उबरा केन्द्र में जांच टीम को ताला लगा मिला। वहां पर सुबह समिति और मिल संचालक पहुंचकर बचने की जुगत खोजते हुए दिखाई दिए थे। यह बात अलग रही कि कागजों में धान खरीदी का हिसाब जब इन्हें नहीं मिला तो वे टीम के पहुंचने के पहले भाग खड़े हुए।

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