चलती ट्रेन से गिरी बेटी की मदद के लिए पिता
सतना चलती ट्रेन से गिरी बेटी की मदद के लिए पिता
डिजिटल डेस्क, सतना। चलती ट्रेन से गिरी बेटी को बचाने की कोशिश में पिता ने भी छलांग लगा दी। पिता तो बाल-बाल बच गए मगर वह बेटी को नहीं बचा पाए। यहां रीवा रोड निवासी ड्राई फ्रूटस के थोक कारोबारी शंकर धनवानी, पत्नी काजोल सुंदरानी और २० वर्र्षीया बेटी नैनम के साथ १४ अप्रैल को सुबह साढ़े ११ बजे महामना सुपर फास्ट से बड़ोदरा के लिए रवाना हुए थे। बताया गया है कि रात लगभग ८ बजे ट्रेन जब नेपानगर स्टेशन से २ किलोमीटर दूर पहुंची टायलेट गई नैनम का संतुलन बिगड़ा और वह चलती ट्रेन से नीचे जा गिरी। प्रत्यक्षदर्शी पिता के मुताबिक एसी कोच को गेट खुला था। टे्रन कर्व ट्रैक पर थी। तेज हवा के झोंके आ रहे थे। आंखों के सामने बेटी के नीचे गिरने पर उन्होंने चैन पुलिंग की। ट्रेन की रफ्तार कम हुई तो उन्होंने भी छलांग लगा दी। घुप्प अंधेरे में उन्होंने बेटी की तलाश की,मगर वह जिंदा नहीं थी। ट्रैक में आने से कट जाने के कारण उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
भुसावल पहुंच चुकी थी मां:----
हतप्रभ शंकर धनवानी ने फोन पर हादसे की खबर ट्रेन में सवार पत्नी काजोल सुंदरानी को दी। ट्रेन तब तक भुसावल पहुंच चुकी थी। भुसावल से काजोल ने दूसरी ट्रेन पकड़ी और अकेले ही नेपानगर पहुंचीं। इसी बीच घटना स्थल पर नेपानगर निवासी रवि मलानी अपनी पत्नी के साथ वॉक पर थे। रवि मलानी ने सिंधी समाज के सहयोगियों को खबर कर मदद की। शुक्रवार को अंतिम संस्कार नेपानगर में ही किया। परिजनों के मुताबिक नैनम अपने माता-पिता के साथ मेडिकल की कोचिंग के लिए गुजरात के बड़ोदरा जा रही थी।
४ दिन पहले था नैनम का जन्म दिन:-----
नेपानगर में हादसे की शिकार २० वर्षीया नैनम का १२ अप्रैल को जन्म दिन था। जन्म दिन धूमधाम के साथ मनाया गया था। जन्म दिन मनाने के बाद ही बड़ोदरा जाने की प्लानिंग बनाई गई थी। कारोबारी शंकर धनवानी का बेटा २२ वर्ष का है, बेटी नैनम छोटी थी।