तीसरे दिन भी टॉवरों पर जमे रहे 11 किसान, समझाइश की कोशिश फिर हुई नाकाम
सतना तीसरे दिन भी टॉवरों पर जमे रहे 11 किसान, समझाइश की कोशिश फिर हुई नाकाम
डिजिटल डेस्क, सतना। उचित मुआवजे के लिए पॉवर ग्रिड की हाईटेंशन लाइन के टॉवरों पर चढक़र बैठे 11 किसान तीसरे दिन भी अपनी मांगों पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारियों ने टॉवरों पर ही चारपाई बांधकर बैठने और आराम करने की जगह भी बना ली है। रात में जब सरकारी अमला पीछे हट जाता है तब घर वालों की मदद से खाने-पीने का सामान भी ले जाते हैं। इस बीच रविवार को भी एडीएम राजेश शाही ने एएसपी सुरेन्द्र जैन और उचेहरा एसडीएम हेमकरण धुर्वे के साथ मौके पर जाकर एक बार फिर समझाने का प्रयास किया, मगर कामयाबी नहीं मिली। किसानों के समर्थन में उनके परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन सुबह से लेकर शाम तक टॉवरों के पास बैठे रहे।
उधर प्रशासन ने उचेहरा तहसील में शुरू कराया सर्वे, उतारे गए 65 पटवारी-
इस बीच जिला प्रशासन ने समाधान निकालने की दिशा में ठोस प्रयास शुरू करते हुए अतरवेदिया से गुजरी टॉवर लाइन समेत उचेहरा तहसील के गांवों से निकली सभी 6 टॉवर लाइनों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने 65 पटवारियों को जिम्मेदारी देकर अगले दो दिनों के अंदर उन सभी जमीनों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं, जहां टॉवर लगाकर लाइन निकाली गई है, तो प्रभावित किसानों को पॉवर ग्रिड की तरफ से कितना मुआवजा दिया गया है। सर्वे रिपोर्ट प्राप्त होने पर उसका मिलान पॉवर ग्रिड की सूची से किया जाएगा। गौरतलब है कि अतरवेदिया के अलावा अन्य स्थानों पर भी आए दिन कम मुआवजे को लेकर विवाद की स्थिति बनती रहती है, जिसका स्थायी हल निकालने के लिए ही यह कवायद हो रही है। एडीएम ने सोमवार को पूरे मामले में बातचीत के लिए पॉवर ग्रिड प्रबंधन को भी तलब किया है।
आज खत्म कर सकते हैं विरोध प्रदर्शन-
इस बीच उचेहरा के एसडीएम हेमकरण धुर्वे ने बताया कि टॉवरों पर चढ़े किसान
शंकर सिंह, जितेन्द्र नागर, शिवकुमार कुशवाहा, रामप्रताप कुशवाहा, रामनाथ, मातादीन कोल, रावेन्द्र पटेल, धर्मेन्द्र कुशवाहा, उमेश पाल, रामनरेश कोल और रामबख्श पटेल ने शासन की तरफ से उनकी समस्या का शीघ्र निराकरण करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने के पुख्ता आश्वासन पर सोमवार को विरोध प्रदर्शन खत्म करने की बात कही है।
क्या है मामला-
गौरतलब है कि वर्ष 2014-15 में पॉवर ग्रिड ने हाईटेंशन लाइन निकालने के लिए किसानों के खेतों में टॉवर लगाए थे, मगर तब मुआवजा देने में जमकर मनमानी की गई। इसी बात से नाराज किसान तभी से विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वर्ष 2017 में तत्कालीन कलेक्टर संतोष मिश्रा ने 12 लाख प्रति टॉवर एवं प्रति मीटर तार के लिए 3 हजार मुआवजा निर्धारित किया था, जिसके खिलाफ पॉवर ग्रिड प्रबंधन हाईकोर्ट चला गया और स्टे हासिल कर लिया। तब से इस दिशा में शासन की तरफ से कोई पहल नहीं हुई और किसान भी अपने हक के लिए इंतजार करते रह गए। अंतत: जब सब्र का बांध टूट गया तो 20 मई को एक बार फिर 11 किसान टॉवरों पर चढक़र बैठ गए।