परिवहन में गति के बाद भी 35 फीसदी धान खुले मैदान में पड़ी
शासन की नई नीति से उपजा असंतोष परिवहन में गति के बाद भी 35 फीसदी धान खुले मैदान में पड़ी
डिजिटल डेस्क,कटनी। धान खरीदी के समय गोदामों का सही समय में अनुबंध नहीं होने का असर परिवहन में भी दिखाई दे रहा है। जिसके चलते अभी भी 35 फीसदी धान खुले मैदान में है। सोमवार तक की स्थिति में 14 हजार 441 किसान 12 लाख क्विंटल से अधिक उपज बेच चुके हैं। जिसमें से अभी तक 7 लाख क्विंटल धान का परिवहन हुआ है, जबकि रेडी टू-ट्रांसपोर्ट के लिए केन्द्रों में धान की बोरियां पड़ी हुई हैं।
पहले तकरार, फिर देरी से गोदामों का हुआ अनुबंध
इसके पीछे देरी से गोदाम मिलने की बात अधिकारी कह रहे हैं। भण्डारण की नई नीति को लेकर वेयर हाउस संचालकों और शासन के बीच तकरार तब तक बनी रही, जब तक शासन और प्रशासन ने सख्त रवैया नहीं अपनाया। शासन की सख्ती के बाद ही कई गोदाम भण्डारण के शर्तों के तहत अपना अनुबंध किए। जिससे परिवहन में भी देरी हुई। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब समस्या का समाधान हो चुका है। जिससे सभी केन्द्रों से नियमित रुप से धान का उठाव हो रहा है।
इधर अमानक खरीदी पर समूहों को नोटिस
अमानक धान खरीदी पर दो स्व-सहायता समूह को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर नॉन एफ एक्यू उपज को अपग्रेड कराकर जवाब देना को कहा गया है। बेगम स्व-सहायता समूह और बडे स्व-सहायता समूह ने यह खरीदी की थी। जिला उपार्जन समिति के सदस्यों ने दोनों जगहों पर धान का परीक्षण करने पर धान अमानक पाई गई थी। बेगम स्वसहायता समूह द्वारा अब तक 342 कृषकों से 28 हजार 644 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। जिनमे से 320 क्विंटल धान अमानक होने से भंडारण स्थल पर सर्वेयर द्वारा रिजेक्ट की गई है। धान रिजेक्ट होने की वजह से किसानों का भुगतान लंबित है।
इसी प्रकार बडे स्व-सहायता समूह अब तक 266 कृषकों से 25 हजार 463 क्विंटल धान की खरीदी की गई जिसमे से 310 क्विंटल धान अमानक है। इस विसंगति के लिए अपर कलेक्टर रामानुस टोप्पो ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि क्यो न समूह को आवंटित उपार्जन केन्द्र निरस्त कर दिया जाये। समूह को प्राप्त होने वाले प्रासंगिक व्यय एवं कमीशन पर तत्काल रोक लगाई जाये। साथ ही स्व-सहायता समूह को महिला के लिए खरीदी कार्य के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाए।