गड़बड़ी: एक ही तरह के ट्यूबलर पोल के दामों में 12 गुना का अंतर
कटनी गड़बड़ी: एक ही तरह के ट्यूबलर पोल के दामों में 12 गुना का अंतर
डिजिटल डेस्क , कटनी । ट्यूबलर पोल खरीदी में सरकारी खजाने में चपत लगाए जाने का मामला नगर परिषद बरही में आया है। दरअसल वर्तमान समय में एक तरफ जहां बस स्टैंड परिसर में पोल लगाने का काम किया जा रहा है। वहीं परिषद ने नगर के 5 सार्वजनिक जगहों पर भी हाल में ही पोल लगवाए हैं, लेकिन एक ही तरह के पोल के दामों में 12 गुना का अंतर है। जिसके बाद खरीदी प्रक्रिया सवालों के कटघरे में है। बस स्टैंड परिसर में रोशनी के लिए 24 पोल पर 6 लाख रुपए का बजट और अन्य जगहों पर महज 3 पोल के लिए 14 लाख 78 हजार की खरीदी का हिसाब अधिकारियों के पास नहीं है। जिसके चलते नगर में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि अधिकारियों और कर्मचारियों ने चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए एक ही तरह के पोल में अलग-अलग नजरिया रखा। इधर मामला सामने आने के बाद अब अधिकारी बचाव के मुद्रा में हैं।
2 लाख 70 हजार की खाई
वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री अधोसरंचना विकास कार्य योजना के तहत बरही बस स्टैण्ड के जीर्णोद्धार कार्य के लिए टेण्डर बुलाया गया। यहां पर एक पोल की कीमत 25 हजार रुपए आंकी गई। इसी दर पर ठेकेदार पोल लगाने के लिए तैयार हो गया। वर्तमान समय में पोल लगाने का भी काम चल रहा है, लेकिन हाल ही में नगर परिषद एक पोल के लिए ठेकेदार को 3 लाख रुपए का भुगतान की। 5 पोल की कीमत 14 लाख 78 हजार रुपए बताई जा रही है। वर्तमान समय में 4 जगहों परपोल लगाई जा चुकी है। एक जगह पर लगना शेष है।
टेण्डर का पता नहीं
परिषद के कर्मचारी जिस पोर्टल का हवाला लेकर खरीदी करने की बात कह रहे हैं, उसमें कई तरह का झोल है। नियमों के मुताबिक तो 5 लाख रुपए की अधिक खरीदी होने पर नगर परिषद को टेण्डर भी जारी किया जाना था। इसके बावजूद चहेते सप्लायरों को फायदा पहुंचाने के लिए पूरा खेल पोर्टल में ही हो गया। बताया जा रहा है कि सप्लायर अधिकारियों से सांठ-गांठ कर उन्हें कई तरह का सब्जबाग दिखाई थे। जिसका परिणाम रहा कि परिषद के खजाने को नुकसान पहुंचाने में किसी तरह की कोताही अधिकारियों ने नहीं बरती।
यह है खरीदी का नियम
जेम ईएम या गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस एक ऑनलाइन बाजार है, जिससे कोई भी व्यक्ति घर बैठे जुड़ सकता है और सरकार के साथ बिजनेस कर सकता है। रजिस्ट्रेशन के बाद सरकारी विभागों की डिमांड के हिसाब से सप्लाई करते हैं, जैसा किसी भी बाजार में होता है। ऐसा करने के लिए पहले मैन्युफैक्चरर्स से संपर्क करना होता है और फि र डिमांड आने पर वहां से सामान सप्लाई किया जाता है। कोई भी व्यक्ति जो सही उत्पादन कर रहा है और सरकारी की ओर से निर्धारित स्टैंडर्ड का सामान बना रहा है। वह जीईएम पोर्टल पर अपना माल बेच सकता है। ठीक इसके विपरीत नगर परिषद बरही में उपरोक्त अहर्ताओं को पूरा न करने वाले ठेकेदारों को जेम से अच्छा लाभ कमा रहे है ।
इनका कहना है
इस संबंध में नगर परिषद से जानकारी ली जाएगी। यदि नियमों के विपरीत खरीदी हुई है तो नियमानुसार जिम्मेदारी तय करते हुए कार्यवाही की जाएगी।