समितियों और सर्वेयरों की मनमानी के चलते 1.38 करोड़ रुपए के लिए भटक रहे किसान

4 माह बीता, उड़द की नहीं मिली राशि समितियों और सर्वेयरों की मनमानी के चलते 1.38 करोड़ रुपए के लिए भटक रहे किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-15 12:13 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,कटनी। प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत खरीदी केन्द्रों में उड़द बेचने के बाद भी 150 से अधिक अन्नदाताओं को चार माह में भुगतान नहीं हुआ है। एक तरफ धान खरीदी का काम चल रहा है तो दूसरी तरफ 1.38 करोड़ रुपए लेने के लिए किसान बैंकों और समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल यह समस्या सर्वेयरों और समितियों के बीच गुपचुप समझौते से किसानों के सामने निर्मित हुई। जिस समय खरीदी का काम चल रहा था। उस समय तो सर्वेयरों ने उड़द को एफएक्यू बता दिया, लेकिन जब यह उड़द गोदामों में पहुंची तो वहां से उसे रिजेक्ट कर दिया गया। यह मामला संज्ञान में आने पर प्रशासन ने खाद्य विभाग से जांच कराई। जिसमें पाया कि कई जगहों पर नान एफएक्यू उड़द की खरीदी हुई है।

हमारी नहीं है गलती

किसानों का कहना है कि इसमें हमारी किसी तरह की गलती नहीं है, जब केन्द्र में उपज लेकर पहुंचे हुए थे। उसी समय यदि किसी तरह की कमीं रही तो बता दी जाती। उमरियापान क्षेत्र के किसान महेन्द्र पटेल, सुशील सिंह ठाकुर,मुन्नीबाई, देवेन्द्र हल्दकार ने कहा कि खरीदी केन्द्रों में तो सभी किसान की उपज की तभी खरीदी हुई थी, जब वहां पर मौजूद अधिकारियों ने परीक्षण कर लिया था। बाद में पता चला कि गोदाम में पहुंचने पर उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है।

कंपनी ने नियुक्त किए थे सर्वेयर, फिर भी मनमानी

ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की खरीदी के लिए जिले में पांच जगहों पर केन्द्र बनाए गए थे। यहां पर कंपनी ने ही सर्वेयर रखे थे। इसके बावजूद सर्वेयरों की मोनोपली हावी रही। खरीदी का जिम्मा तो विपणन संघ के पास रहा, साथ ही निगरानी की जिम्मेदारी खाद्य और कृषि विभाग को भी दी गई थी। इसके बावजूद जिम्मेदार खरीदी केन्द्रों से दूरी बनाए रखे। जिसका परिणाम हुआ कि 2 हजार 907 क्विंटल में से अभी तक 2 हजार 2 सौ क्विंटल उड़द का भुगतान नहीं हुआ है।

इनका कहना है

उड़द का सभी किसानों को भुगतान हो। जिसके लिए समिति स्तर पर फिर से उपज को एफएक्यू बनाने का काम चल रहा है। इसमें जिम्मेदारी तय कर दी गई है, एफएक्यू होने पर गोदामों में उड़द को जमा कराते हुए किसानों को लंबित भुगतान भी किया जाएगा।
-अमित तिवारी, डीएमओ विपणन संघ कटनी
 

Tags:    

Similar News