ड्राइवर ने ट्रेन चलाने से किया इंकार, अधिकारी बिगड़े इंजन से ही गाड़ी चलाने बनाते रहे दबाव
ड्राइवर ने ट्रेन चलाने से किया इंकार, अधिकारी बिगड़े इंजन से ही गाड़ी चलाने बनाते रहे दबाव
डिजिटल डेस्क, सतना। रेले विभाग द्वारा दुर्घटना रोकने के लिए बड़े - बड़े दावे किए जाते हैं किं लेकिन फील्ड पर यह दावे फुस्स साबित होते हैं । यहां तकनीकि रूप से गड़बड़ इंजन के साथ पैसेंजर ट्रेन आगे बढ़ाने का दबाव बनाया गया। जब लोको पायलट ने जब ट्रेन आगे बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया तब कहीं जाकर सही इंजन लगाकर ट्रेन को आगे बढ़ाया गया। इस संबंध में बताया गया है कि मानिकपुर से चलकर इटारसी की ओर जाने वाली मानिकपुर-इटारसी पैसेंजर गाड़ी यहां प्लेट फार्म नंबर 2 पर तकरीबन 2 घंटे खड़ी रही।
सूत्रों के अनुसारा इंजन की फेल्सर लाइट खराब होने के कारण ड्राइवर ने आगे बढ़ने से इंकार कर दिया था। जानकारों ने बताया कि पहले तो ड्राइवर पर इसी हालत में गाड़ी गंतव्य के लिए रवाना करने का दबाव बनाया गया लेकिन जब उसने अड़ी दिखाई तो डीजल ट्रिप सेड का तकनीकी स्टाफ बुला कर फेल्सर लाइट सुधरवाने की कवायद शुरु हुई। जब 2 घंटे की कोशिश नाकाम रही तो इंजन बदल कर गाड़ी आगे के लिए रवाना की गई। तकनीकी जानकारों ने बताया कि फेल्सर लाइट एक तरह का इंडिकेटर होती है, जो आपात स्थितियों में सामने से आ रही गाड़ी के ड्राइवर को खतरे का संकेत देने के काम आती है।
यात्रियों ने मचाया हंगामा
इसी बीच यहां स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर -2 में भीषण गर्मी, कड़ी धूप और उमस के कारण यात्रियों ने जमकर हंगामा मचाया। यात्रियों का आरोप था कि एक तो पीने का पानी नहीं है और जो पानी है,वो उबल रहा है। रेल पुलिस की तमाम समझाइश के बाद अंतत: यात्रियों ने गुस्सा थूका। यह पहला मौका नहीं है जब रेल स्टाफ की लापरवाहीे के कारण मुसाफिरों को मुसीबत का सामना करना पड़ा हो ।इन सब तमाम हादसों के बाद भी रेल अधिकारी कोई सबक लेने तैयार नहीं हैं और बेपरवाही से ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है ।