दिल्ली तख्त के आगे झुकना नहीं सीखाः पवार, सीएम ने कहा- हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
दिल्ली तख्त के आगे झुकना नहीं सीखाः पवार, सीएम ने कहा- हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रदेश है। हमने दिल्ली के तख्त के आगे झुकना नहीं सीखा है। पवार खुद 27 सितंबर को दोपहर 2 बजे दक्षिण मुंबई स्थित ईडी के कार्यालय जाएंगे। हालांकि ईडी की तरफ से पवार को अभी कोई समन जारी नहीं किया गया है। बुधवार को यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि मुझे मीडिया के जरिए पता चला है कि ईडी ने मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया है। पवार ने कहा कि मैं अगले एक महीने तक चुनाव प्रचार के लिए मुंबई से बाहर रहूंगा। ऐसी स्थिति में यदि ईडी को कोई प्रेम संदेश (समन) पहुंचना होगा और उस वक्त मैं उपलब्ध नहीं रहूंगा तो ईडी को गलतफहमी हो सकती है। इसलिए मैंने ईडी के दफ्तर में खुद जाने का फैसला किया है। ईडी के अफसरों को जो भी जानकारी चाहिए होगी मैं उसकी जानकारी दुंगा। पवार ने कहा कि मैं अपने जीवन में आज तक कभी किसी सहकारी बैंक के निदेशक मंडल में नहीं रहा। पवार ने कहा कि मैं इस घोटाले के मामले की जांच में पूरी तरह से सहयोग करूंगा। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रदेश है। यहां के लोगों में शिवाजी महाराज का संस्कार और आदर्श है। इसलिए दिल्ली के तख्त के आगे झुकने का संस्कार हमने नहीं सीखा है। दिल्ली की हुकूमत के मन में अपना अधिकार इस्तेमाल करने का होगा तो मुझे इसकी चिंता नहीं है। मैं इसका सामना खुले दिल से करूंगा।
पवार ने कहा कि विधान चुनाव के लिए अगले कुछ दिनों में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में यह मामला सामने आया है। इससे सरकार की मंशा के बारे में लोग साफ समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी बैंक के निदेशक मंडल में सदस्यों का चुनाव निर्विरोध हुआ है। निदेशक मंडल में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री दिवंगत पांडुरंग फुंडकर, शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल और प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल के पिता समेत सर्वदलीय नेता शामिल थे।
मेरे खिलाफ दूसरी पर बार दर्ज हुआ मामला
पवार ने कहा कि मेरे जीवन में यह दूसरा मौका है जब मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मैंने साल 1980 में किसानों के मुद्दे पर जलगांव से नागपुर तक दिंडी निकाली थी तब मुझे अमरावती में गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में मेरे पक्ष में फैसला आया था। समझा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच पवार के ईडी कार्यालय में स्वतः जाने का फैसला लेकर बड़ा दाव चला है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि पवार के इस कदम से उन्हें विधानसभा चुनाव में सियासी फायदा मिल सकता है।
हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई है एफआईआरः फडणवीस
उधर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है कि विधानसभा चुनाव के चलते सहाकारी बैंक घोटाला मामले में रांकापा अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि बांबे हाईकोर्ट के आदेश पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई बिल्कुल राजनीति से प्रेरित नहीं है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्रवाई का राज्य सरकार से कोई संबंध नहीं है। फडणवीस ने कहा कि नियमानुसार 100 करोड़ से अधिक के आर्थिक व्यवहार के मामले में ईडी हस्तक्षेप करता है। ईडी इस मामले में मनी लांड्रिंग के एंगल से जांच कर रहा है। इस लिए उन्होंने एफआईआर दर्ज करने की जरुरत समझी होगी। उन्होंने कहा कि जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे राजनीति से प्रेरित बताने वालों को भी पता है कि हम अपने मित्र दलों के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। ऐसे में हमें इस तरह की राजनीतिक करने की जरूरत क्या है।
शरद पवार के खिलाफ कार्रवाई गलतः शिंदे
बुधवार को नई मुंबई में आयोजित मथाडी कामगारों के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री फडणवीस और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में राकांपा के वरिष्ठ नेता शशिकांत शिंदे ने शरद पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को गलत बताया। उन्होंने कहा कि 80 साल के वरिष्ठ नेता के साथ इस तरह के व्यवहार से मथाडी कामगार चुप नहीं रहेंगे। इस दौरान उन्होंने शरद पवार और शिवसेना प्रमुख दिवंगत बाला साहेब ठाकरे की मित्रता की भी याद दिलाई।