ऐसी तकनीक विकसित करें - पिछड़े क्षेत्र का भी हो विकास
नितीन गडकरी ने कहा ऐसी तकनीक विकसित करें - पिछड़े क्षेत्र का भी हो विकास
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आजादी के इतने साल बाद भी हमारे देश में गरीबी, असमानता, सामाजिक विषमता व अन्य समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। ऐसी परिस्थिति में समाज को आप जैसे युवा इंजीनियर्स से उम्मीदें हैं। वीएनआईटी जैसे संस्थान हमारे क्षेत्र की कई समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने में सक्षम है। ऐसे संस्थानों को अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा समाज के लिए हितकारी संशोधन और उपक्रमों में लगानी चाहिए। यह विचार केंद्रीय सड़क परिवहन व महामार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने व्यक्त किए। बुधवार को बजाज नगर स्थित विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) के 19वें दीक्षांत समारोह में वे बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि विदर्भ में खनिज और वन संपदा भरपूर है, फिर भी मेलघाट में कुपोषण है, किसानों के बुरे हाल है। गड़चिरोली नक्सलवाद से जूझ रहा है। ऐसे में सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के विकास में उपयोगी कार्य की दिशा में युवा और शिक्षा संस्थाओं को अपना समय लगाना चाहिए। वीएनआईटी बांबू प्रकल्प में काम कर रही है। लेकिन कपास, संतरा, तेल के बीज व अन्य फसल के साथ ही वन उत्पादन में तकनीक का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इस पर कुछ प्रयोग किए जा सकते है। तकनीक विकसित की जा सकती है। अपने ज्ञान का उपयोग देश के विकास और गरीबों के जीवन को समृद्ध बनाने के लिए करना चाहिए। कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि डीएसआईआर के सचिव और वैज्ञानिक डॉ.शेखर मांडे मौजूद थे। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल ने हमारे सामान्य जीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन कई अवसर भी इस दौर में तैयार हुए हैं। इसका विद्यार्थियों को लाभ उठाना चाहिए। वीएनआईटी निदेशक डॉ. प्रमोद पड़ोले से अपने संबोधन में संस्थान के विकासात्मक सफर पर प्रकाश डाला।
चंद्रशेखर दंदे को विश्वेश्वरैया पदक
दीक्षांत समारोह में सर्वाधिक 9.74 सीजीपीए प्राप्त करने वाले इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के चंद्रशेखर चरण दंदे को सर विश्वेश्वरैया गोल्ड मेडल से नवाजा गया। उनके बाद यूजी पाठ्यक्रम में सर्वाधिक सीजीपीए प्राप्त करने वाले बी.टेक के आदित्य अनिल कुमार को विश्राम जामदार स्मृति पुरस्कार दिया गया। सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी पुलकित माहेश्वरी ने 8 मेडल व पुरस्कार प्राप्त किए। मेकेनिकल के सार्थक वेले को हेमंत करकरे अवार्ड, अनिल धाराशिवकर पुरस्कार और मुक्लराज मदन गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। दीक्षांत समारोह में 49 पीएचडी, 333 एमटेक, 60 एमएससी, 634 बी.टेक, 59 बीआर्क डिग्रियां प्रदान की गईं।