तेज गर्मी से नाशिक में बड़ी जलापूर्ति टैंकरों की संख्या
तेज गर्मी से नाशिक में बड़ी जलापूर्ति टैंकरों की संख्या
डिजिटल डेस्क, नाशिक। जिले में औसतन से अधिक यानी की 113 प्रतिशत बारिश होने के बाद भी अप्रैल माह के पहले सप्ताह में जलापूर्ती करने वाले टैंकर की मांग में पिछले साल की तुलना में दो गुणा बढ़त हुई। तेज गर्मी के चलते बांधों का जल कम हो रहा है। जल की किल्लत के नाम से परिचित बागलाण और येवला तहसील में गंभीर परेशानी महसूस की जाने से टैंकर की मांग बढ़ गई है। इन दो तहसीलों में जनवरी माह से ही जल किल्लत महसूस की जा रही थी, लेकिन प्रशासन ने कुछ भी नहीं किया। फरवरी अंत में प्रशासन ने जलापूर्ती के लिए टैंकर को अनुमती दी। फिर भी कुछ हद तक जल किल्लत महसूल की जा रही है।
गर्मी का प्रकोप बढ़ने से टैंकर की मांग और भी बढ़ी
मार्च माह के अंत में गर्मी का प्रकोप बढ़ने से टैंकर की मांग और भी बढ़ गई है। नाशिक शहर को जलापूर्ती करने वाले गंगापुर बांध समूह में 57 प्रतिशत जल शेष है। तो गंगापुर बांध में 59 प्रतिशत जल शेष होने से नाशिकवासियों को दो माह तक चिंता करने की जरूरत नहीं है। दारणा बांध में 71 प्रतिशत जल है। इस बांध से मई माह में नगर और औरंगाबाद जिले को दो बार जल छोड़ा जाएगा। गिरणा खोरे में 30 तो पालखेड बांध समूह में 34 प्रतिशत जल शेष है। आज की स्थिति में जिले के बागलाण, मालेगाव, येवला व सिन्नर इन 4 तहसीलों के 21 गांव व एक वाडी के लिए 13 टैंकर द्वारा जलापूर्ती की जा रही है।
येवला तहसील के 13 गांवों को टैंकर द्वारा जलापूर्ती करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है। जल किल्लत महसूस किए जाने वाले गांवों में गारखेडे, सोमठाण गणेश, सायगाव, कोटखेडे, वसंतनगर, गोरखनगर, पांजरवाडी, शिवाजीनगर, रेंडाले, आडसुरेगाव, भुलेगाव, अनकाई आदि गांव शामिल है। पिछले साल अप्रैल के पहले सप्ताह में नाशिक जिले में केवल 8 टैंकर द्वारा जलापूर्ती की जा रही थी। इसमें बागलाण 7 और मालेगाव 1 टैंकर था। पिछले साल की तुलना में इस साल अच्छी बारीश होने के बाद भी इस बार ग्रामीण क्षेत्र में जल किल्लत अधिक मात्रा में महसूस की जा रही है।