भ्रष्टाचार: हस्तांतरण के पहले ही 13 करोड़ रुपये की सड़क पर गढ्डे
निर्माण में गुणवत्ता की खुली पोल भ्रष्टाचार: हस्तांतरण के पहले ही 13 करोड़ रुपये की सड़क पर गढ्डे
डिजिटल डेस्क कटनी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत गांवों में चमचमाती सडक़ों का जाल बिछ गया है। एक समय था जब इन सडक़ों पर गर्व किया जाता था लेकिन अब इस योजना में भी भ्रष्टाचार की परत चढ़ गई। मेटेनेंस की गारंटी के साथ बनने वाली सडक़ें हस्तांतरण के पहले ही ध्वस्त हो रही हैं। ऐसी ही स्थिति 13 करोड़, 26 लाख रुपये की लागत से निर्माणाधीन ढीमरखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत बंधी से निवार रोड की सडक़ का है। 20 किलोमीटर 850 मीटर की इस सड़क में अब केवल दो किलोमीटर का कार्य शेष है। यह सडक़ अभी विभाग को हस्तांतरित भी नहीं हुई है लेकिन उसके पहले ही इसके परखच्चे उडऩे लगे हैं। खास बात यह है कि सडक़ के मेटेनेंस के लिए भी लगभग एक करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।
धरवारा से भूला तक उड़े परखच्चे-
ग्रामीणों के अनुसार सडक़ का निर्माण हुए अभी छह माह भी नहीं हुए हैं कि जगह-जगह से टूट गई है। धरवारा से भूला तक चार किलोमीटर सडक़ में जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। पुलिया के गड्ढे में दो माह पहले डम्पर पलट चुका है। वहीं कई जगह सडक़ धंस चुकी है। पटरियों में भी भराव नहीं करने से कीचड़ हो गया है। जिससे वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार इस सडक़ का निर्माण सितम्बर 2020 से शुरू हुआ था और मार्च 2022 तक पूर्ण होना है। इसके बाद मेटेनेंस की अवधि शुरू हो जाएगी। मेंटेेनेंस के लिए भी 99.51 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
जीएम ने कहा-फालतू शिकायत करते हैं-
प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ परियोजना के महाप्रबंधक रत्नाकर चतुर्वेदी से जब सडक़ की दुर्दशा पर सवाल किया तो उनका जवाब था-लोग फालतू शिकायत करते हैं, वहां के लोग आदतन शिकायती हैं। दो किलोमीटर सडक़ का निर्माण शेष है और अभी सड़क कम्पलीट भी नहीं हुई है।