छह करोड़ खर्च करने के बावजूद हार गए कोरोना की जंग, आठ माह रहे अस्पताल में भर्ती
रीवा छह करोड़ खर्च करने के बावजूद हार गए कोरोना की जंग, आठ माह रहे अस्पताल में भर्ती
डिजिटल डेस्क रीवा छह करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी प्रतिष्ठित किसान धर्मजय सिंह कोरोना की जंग हार गए। कोरोना की चपेट में आने से फेफड़े इस कदर संक्रमित हो गए थे कि परिजन उनकी जान बचाने के लिए चेन्नई ले गए थे। सात माह से ज्यादा समय तक चेन्नई में भर्ती रहे धर्मजय की बीती रात सांस टूट गई। इनका पार्थिव शरीर गुरूवार को चेन्नई से रवाना होगा।
जिले के मऊगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रकरी निवासी धर्मजय सिंह (५०) अप्रैल २०२१ में कोरोना संक्रमित हुए थे। जिन्हें संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। इनकी हालत में सुधार न होने पर परिजन १८ मई को चेन्नई लेकर गए थे। जहां अपोलो हॉस्पिटल में इन्हें भर्ती किया गया था। चार दिन बाद ये कोरोना संक्रमण से तो मुक्त हो गए थे, लेकिन दोनों फेफड़े १०० फीसदी संक्रमित होने की वजह से इक्मो मशीन से उन्हें नया जीवन देने का प्रयास चिकित्सकों ने शुरू किया था।
लंदन के डॉक्टर कर रहे थे इलाज
धर्मजय का इलाज लंदन के डॉक्टर कर रहे थे। कई अन्य देशों के चिकित्सकों की भी सलाह ली जाती रही। बताते हैं कि सात माह तक ये इक्मो मशीन पर रहे। ये पूरी तरह ठीक हो गए थे। वेंटीलेटर से बाहर आ गए थे। आईसीयू से सामान्य वार्ड में आ गए थे।
एक सप्ताह पहले फिर बिगड़ी तबियत
बड़े भाई प्रदीप सिंह ने बताया कि एक सप्ताह पहले अचानक इनका बीपी कम हो गया। चिकित्सकों ने फिर इन्हें आईसीयू में लिया। इसी बीच इन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। वेंटीलेटर पर रखना पड़ा। अंतत: चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने बताया कि छह करोड़ रूपये इलाज में खर्च हुए हैं।
विस अध्यक्ष गए थे चेन्नई
जिले के प्रतिष्ठित किसान धर्मजय सिंह को देखने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी चेन्नई गए थे। बताते हैं कि वे लगातार उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे थे। मप्र शासन की ओर से लगभग चार लाख रूपये की आर्थिक मदद की गई थी।
केन्द्र सरकार से की थी आर्थिक मदद की मांग
चेन्नई में इलाज पर हो रहे लम्बे खर्च से परेशान परिवार ने केन्द्र सरकार से आर्थिक मदद की मांग की थी। बताते हैं कि इस परिवार को इलाज पर आने वाले खर्च की पूर्ति करने के लिए कर्ज तक लेना पड़ा है। लेकिन सरकारी स्तर पर जो मदद मिलनी चाहिए, वह ऊंट के मुंह में जीरा की तरह रही।
सीएम ने किया था सम्मानित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने २६ जनवरी २०२१ को रीवा में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में धर्मजय सिंह को सम्मानित किया था। गौरतलब है कि उन्होंने स्ट्रोबेरी और गुलाब की खेती से विशिष्ट पहचान बनाई थी। वे क्षेत्र के लोगों की सेवा के लिए भी सदैव तत्पर रहते थे। कोरोना काल में लोगों की सेवा के दौरान ही वे कोरोना संक्रमित हो गए थे।
गांव में होगा अंतिम संस्कार
बड़े भाई प्रदीप सिंह ने बताया कि चेन्नई से गुरूवार की दोपहर वे पार्थिव शरीर लेकर रवाना होंगे। चेन्नई से मुम्बई और फिर जबलपुर आएंगे। जबलपुर से सड़क मार्ग से गांव पहुंचेंगे। जहां शुक्रवार को अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर रखने के बाद दोपहर में अंतिम संस्कार किया जाएगा।