मोहतरा गांव में नहीं पहुंचा था कोरोना का संक्रमण

कटनी मोहतरा गांव में नहीं पहुंचा था कोरोना का संक्रमण

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-10 08:03 GMT
मोहतरा गांव में नहीं पहुंचा था कोरोना का संक्रमण


डिजिटल डेस्क, कटनी । कोरोना की तीसरी लहर में अब तक जिले में 10 पॉजीटिव मरीज मिल चुके हैं। यह आंकड़ा बढऩे न पाए। इसके लिए एहितयात बरतना हम सभी को जरुरी है। पहली और दूसरी लहर में संक्रमण की भयावहता हम सब आंखों से देख चुके हैं, साथ ही उन तैयारियों को भी देखे। जिसके चलते प्रथम और दूसरी लहर के संक्रमण की रफ्तार में ब्रेक लगा। खासतौर पर 407 में से अधिकांश पंचायतों में मरीज मिलने के बाद प्रशासन की पूरी टीम ने ग्रामीणों के साथ जो पहल की। बहोरीबंद क्षेत्र का मोहतरा उन पंचायतों में शामिल रहा। जहां पर कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला। उसका नतीजा रहा कि जल्द ही रेड  जोन वाली पंचायतें ग्रीन जोन में शामिल हो गईं। बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को गांव के ही सरकारी भवनों के क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक आइसोलेट रखा गया। संक्रमित मरीज के लिए सामुदायिक और स्वास्थ्य केन्द्रों में व्यवस्था की गई। बैरियर और रोको-टोका अभियान चलाकर सभी लोगों ने समझदारी दिखाई। दूसरी लहर में 20 मार्च से लेकर 15 जून तक 279 पंचायतों में करीब1400 लोग पॉजीटिव मिले थे। शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रफ्तार दोनों लहरों में कम रही। स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश पहली लहर में जिले से करीब 14 हजार मजदूर बाहर रहे। दूसरी लहर तक इनकी संख्या 20 हजार के आसपास हो गई। बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए स्क्रीनिंग की व्यवस्था प्रत्येक पंचायतों और जिले के बार्डरों पर की गई। यहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ अन्य विभाग के कर्मचारियों ने भी सहभागिता निभाई। यदि कोई बाहर से आने वाला सर्दी-बुखार से पीडि़त मिलता तो फिर उसे कुछ दिनों के लिए आइसोलेट कर दिया जाता। पराए की तरह बिताए दिन दूसरे राज्यों के जान बचाकर किसी तरह घर पहुंचे प्रवासी मजदूर अब अपने ही गांव में पराए हो गए थे। हॉट स्पॉट से आने के कारण लोग गांव में नहीं घुसने दे रहे हैं, स्कूल के बरामदे को क्वारेंटाइन सेंटर में ही मजदूरों को रोका गया। कई जगहों पर शुरुआती दौर में अव्यवस्था भी रही। इसके बाद व्यवस्थाएं जुटाई गई। मजदूर यह दर्द आज भी नहीं भूले हैं। मजदूरों का कहना है कि सभी की सुरक्षा के लिए उस समय यह कष्ट सहना जरुरी रहा। बैरीकेट्स लगाकर देते थे चेतावनी प्रशासन इसके लिए कंटेटनमेंट जोन भी बनाता था। जिस जगह में मरीज मिलते थे। उस एरिया में प्रशासन के अधिकारी बैरीकेट्स लगा देते थे। मोहल्ले के अंदर बाहर के लोग न तो जा सकते थे और न ही मोहल्ले के लोग बाहर निकल सकते थे। इस दौरान लोगों को परेशानी न हो। इसकी व्यवस्था भी प्रशासन ने की थी। मोहतरा के मनोज कुमार बताते हैं सभी सुरक्षित रहे को लेकर कोरोना काल में अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकले मास्क का उपयोग किया तभी हम हमारा गांव सुरक्षित रहा। यहां तक की ग्रामीण भी दूसरी लहर में एक-दूसरे के घरों में आना-जाना बंद कर दिए थे। बहोरीबंद क्षेत्र अंतर्गत मोहतरा निवासी जगन्नाथ लोधी ने बताया कि दूसरी लहर में जैसे ही मरीज आने लगे। ग्रामीण स्वयं सतर्क हो गए। यहां तक की रिश्तेदारों के आवाजाही बंद कर दी। साथ ही बाहर से आने वाले लोगों को भी कई लोगों ने मना कर दिया। तीसरी लहर में भी हम सभी लोगों ने समझदारी दिखाना शुरु कर दिया है। बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ डॉ. अनुराग शुक्ला बताते है कि स्वास्थ्य टीम द्वारा पंचायत में जागरूकता कैंप लगाए गए समय पर सर्वे लोगों को दूर-दूर रहने मास्क लगाने साफ. सफाई तथा व्यक्ति नेशन पर जोर दिया गया। जिसके चलते हमें अच्छे परिणाम मिले मोहतरा सेक्टर में एक भी कोरोना पॉजीटिव नहीं पाया गया।

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